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17 मार्च के बाद पहाड़ी इलाकों में परेशानी का सबब बन सकता है मौसम

उत्तर भारत के तमाम इलाकों में हाल के दिनों में जोरदार तूफान के साथ बारिश और ओलावृष्टि हुई तो वहीं पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश और बर्फबारी रिकॉर्ड की गई. फिलहाल इस मौसम से अगले तीन दिनों तक उत्तर-पश्चिम भारत को निजात मिली रहेगी लेकिन इसके बाद 17 तारीख से एक दूसरा ताकतवर वेस्टर्न डिस्टर्बेंस(डब्ल्यूडी) उत्तर भारत में दस्तक देने जा रहा है.

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उत्तर भारत के तमाम इलाकों में हाल के दिनों में जोरदार तूफान के साथ बारिश और ओलावृष्टि हुई, वहीं पहाड़ी इलाकों में भी भारी बारिश और बर्फबारी का रिकॉर्ड बना. फिलहाल इस मौसम से अगले तीन दिनों तक उत्तर-पश्चिम भारत को निजात मिली रहेगी. लेकिन इसके बाद 17 तारीख से एक दूसरा ताकतवर वेस्टर्न डिस्टर्बेंस(डब्ल्यूडी) उत्तर भारत में दस्तक देने जा रहा है.

इसकी वजह से जम्मू-कश्मीर और हिमाचल के ज्यादातर इलाकों में झमाझम बारिश के साथ-साथ जोरदार बर्फबारी का सिलसिला शुरू होने की संभावना बन गई है.

पहाड़ी इलाकों में दिखेगा असर
मौसम विभाग के मुताबिक 17 मार्च से उत्तर-पश्चिम भारत में मौसम करवट लेने लगेगा. ये बदलाव सबसे पहले जम्मू-कश्मीर में नजर आएगा. इसके बाद हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के तमाम इलाकों में डब्ल्यूडी का असर देखा जाएगा. मौसम के जानकारों का कहना है कि आने वाला वेदर सिस्टम ताकतवर है और ये धीरे-धीरे आगे बढ़ेगा. ऐसे में जम्मू-कश्मीर और हिमाचल में 20 मार्च तक बारिश और भारी बर्फबारी का सिलसिला देखा जाएगा.

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बढ़ गया में हिमस्खलन का खतरा
मौसम विभाग का अनुमान है कि आने वाले वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का मुख्य असर पहाड़ी इलाकों में ही देखा जाएगा लेकिन पंजाब और हरियाणा के कई इलाकों में बादलों की आवाजाही के बीच हल्की बारिश की संभावना इस दौरान बनी रहेगी. इन सबके बीच 17 तारीख से शुरू हो रही बर्फबारी की वजह से पहाड़ी इलाकों में खासतौर पर जम्मू-कश्मीर और हिमाचल में हिमस्खलन का खतरा और ज्यादा बढ़ जाएगा.

ज्यादा सतर्कता की जरूरत
वैसे तो मार्च के महीने में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के चलते बारिश और बर्फबारी का सिलसिला हर साल देखा जाता है लेकिन इस बार चढ़े हुए तापमान के बाद हुई भारी बर्फबारी के दौर ने हिमस्खलन के खतरे को बढ़ा दिया है. ऐसे में हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में लोगों को बर्फबारी के दौरान और इसके बाद भी काफी सतर्क रहने की जरूरत है.

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