पश्चिम बंगाल के बशीरहाट में गुरुवार को फिर से हिंसा भड़क गई. हिंसक भीड़ को तितर बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागने पड़े. अभी यह पता नहीं चल पाया है कि पुलिस कार्रवाई में कितने लोग घायल हुए हैं.
राज्य में भड़की इन सांप्रदायिक झड़पों को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी के बीच अभूतपूर्व तनातनी के हालात पैदा हो गए. ममता ने यहां त्रिपाठी पर उन्हें धमकाने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे 'बीजेपी के ब्लॉक अध्यक्ष' की तरह काम कर रहे हैं. इस बीच बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने राज्य के हालात का जायजा लेने के लिए पार्टी के चार सांसदों की टीम बनाई है. पार्टी के वरिष्ठ नेता ओम माथुर, कैलाश विजयवर्गीय, सांसद मीनाक्षी लेखी और मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त सत्यपाल सिंह की यह टीम हिंसा प्रभावित बदुरिया और बशीरहाट इलाके का मुआयना करने के बाद पार्टी अध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
इस बीच, उत्तरी 24 परगना जिले के हिंसा प्रभावित बादुरिया इलाके में जनजीवन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, जिले के बादुरिया में सांप्रदायिक झाड़पों के बाद बशीरहाट कस्बे और स्टेशन क्षेत्र में फिर से तनाव भड़क गया. उपद्रवी भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े और लाठीचार्ज करना पड़ा. उन्होंने कहा कि हालात को काबू में करने के लिए पुलिस और बीएसएफ की टीमें तुरंत वहां रवाना की गईं.
वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बादुरिया और इसके आसपास के इलाकों में एक फेसबुक पोस्ट को लेकर सांप्रदायिक झड़प हो गई थी. इन इलाकों में हालात धीरे-धीरे सामान्य होते नजर आए. इन इलाकों में गुरुवार को किसी हिंसक घटना की सूचना नहीं मिली. दुकानें और बाजार भी फिर से खुल गए हैं. बस सेवाएं भी बहाल हो गई हैं और स्थानीय लोगों ने अपने घरों से बाहर आना शुरू किया. बहरहाल, इंटरनेट सेवाएं आज भी बाधित रहीं और तनावग्रस्त इलाकों में अर्धसैनिक बल व पुलिसकर्मियों की तैनाती बरकरार रही.
वहीं राज्य के गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, सब कुछ सामान्य हो गया है. उत्तरी 24 परगना जिले के बादुरिया में कहीं से किसी समस्या की कोई सूचना नहीं है. उन्होंने कहा, उन्होंने कहा, 'हम कड़ी नजर रख रहे हैं ताकि कोई अप्रिय घटना न हो. तब तक पुलिस की तैनाती जारी रहेगी.'
बता दें कि इस हफ्ते की शुरुआत में एक किशोर की आपत्तिजनक फेसबुक पोस्ट के कारण लेकर बदुरिया और इसके आसपास के इलाकों- केवशा बाजार, बांसतला, रामचंद्रपुर और तेंतुलिया में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे. आरोपी किशोर की गिरफ्तारी के बाद भी दोनों समुदायों के बीच झाड़पें हुईं. सड़क जाम कर दिया गया. दुकानों को तोड़ दिया गया और गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया. हालात काबू में करने के लिए राज्य सरकार को बशीरहाट, बादुरिया, स्वरूपनगर और डेगंगा में इंटरनेट सेवाएं अस्थायी तौर पर रोकनी पड़ी, ताकि सोशल मीडिया के जरिये अफवाह फैलने से रोका जा सके.