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पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने पूरा किया अमित शाह का टारगेट, बनाए 77 लाख सदस्य

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने पश्चिम बंगाल में सदस्यता अभियान का अहम टारगेट पूरा कर लिया है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने जितना टारगेट सौंपा था, उससे भी ज्यादा लोगों को सदस्य बनाने में सफलता मिली है.

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पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने सदस्यता अभियान का टारगेट पूरा कर लिया है.
पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने सदस्यता अभियान का टारगेट पूरा कर लिया है.

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भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने पश्चिम बंगाल में अपनी जड़ें मजबूत करने के लिए अहम पड़ाव पार कर लिया है. 6 जुलाई से 20 अगस्त तक चले सदस्यता अभियान के दौरान बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने 60 लाख सदस्य बनाने का टारगेट सौंपा था, मगर पार्टी ने उससे भी ज्यादा 77 लाख सदस्य बनाए हैं. भारी संख्या में सदस्य बनने से पार्टी नेताओं को लगने लगा है कि  बीजेपी 2021 के विधानसभा चुनावों में करिश्मा कर सकती है.

2019 के लोकसभा चुनाव के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 42 में से 18 सीटें मिलीं थीं, जबकि सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस को सिर्फ चार सीटें ज्यादा (22) मिलीं थीं. लोकसभा चुनाव के नतीजों ने बीजेपी को मिशन 2021 के लिए 'टॉनिक' देने का काम किया.

एनआरसी से बढ़ी जनता में पैठ

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने असम की तरह पश्चिम बंगाल में भी घुसपैठियों की पहचान के लिए एनआरसी को मुद्दा बनाया. इसे जनता ने पसंद किया. बीजेपी सूत्र बताते हैं कि ममता सरकार की जनविरोधी नीतियों ने भी सदस्यता अभियान को गति प्रदान कर दी. सरकार से नाराज जनता बीजेपी से जुड़ने की इच्छुक हुई.

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यही वजह रही कि जहां पहले बीजेपी ने 2014 में दो के मुकाबले 2019 में 18 सीटें जीतीं, वहीं अब 60 लाख टारगेट की तुलना में 77 लाख से ज्यादा सदस्य बनाने में सफलता हासिल की.

बीजेपी नेताओं का कहना है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के चलते पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती जिलों के लोग ज्यादा परेशान हैं. क्योंकि वे स्थानीय जनता के हकों को छीन रहे हैं. इन सीमावर्ती जिलों में बीजेपी की सदस्यता में ज्यादा उछाल देखा गया.

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, भारत-बांग्लादेश सीमा से सटे उत्तरी दिनाजपुर, दक्षिणी दिनाजपुर, जलपाईगुड़ी, कूचबिहार और दक्षिण 24 परगना जिलों में सदस्यता अभियान काफी सफल रहा. 2014 में बीजेपी के पास 42 लाख सदस्य थे.

क्या कहते हैं बीजेपी नेता

पश्चिम बंगाल बीजेपी के सेक्रेटरी रितेश तिवारी कहते हैं कि राज्य में ममता सरकार से जनता परेशान है. वह बीजेपी की तरफ आशाभरी निगाहों से देख रही है. यही वजह है कि सदस्यता अभियान काफी सफल रहा है. बीजेपी सत्ता परिवर्तन नहीं व्यवस्था परिवर्तन में विश्वास रखती है. लोकसभा चुनाव और सदस्यत अभियान में सफलता से साफ पता चलता है कि 2021 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी करिश्मा कर दिखाएगी.

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