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कोर्ट से मंजूरी के बावजूद ममता सरकार ने रोकी बीजेपी की बाइक रैली

भाजयुमो 11 जनवरी से 17 फरवरी तक बाइक रैली निकालने जा रही है. हालांकि इस रैली को कोर्ट से अनुमति मिल गई थी, बावजूद पुलिस ने बीजेपी समर्थकों को रोक लिया. इसके बाद युवा मोर्चा ने ऐलान किया था कि इस दौरान राज्यभर में इसे 'प्रतिरोध संकल्प अभियान' के रूप में मनाएंगे.

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पश्चिम बंगाल बीजेपी (फाइल फोटो)
पश्चिम बंगाल बीजेपी (फाइल फोटो)

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बंगाल की राजनीति में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एक बार फिर आमने-सामने हैं, दोनों के बीच फिर से ठन गई लगती है. रोक के बावजूद भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा ने बाइक रैली निकाली जिसे पूर्वी मिदनापुर में रोक दिया गया है. ममता सरकार ने बुधवार को ही रैली के आयोजन को कोर्ट में चुनौती दी थी.

भाजयुमो 11 जनवरी से 17 फरवरी तक बाइक रैली निकालने जा रही है. हालांकि इस रैली को कोर्ट से अनुमति मिल गई थी, बावजूद पुलिस ने बीजेपी समर्थकों को रोक लिया. इसके बाद युवा मोर्चा ने ऐलान किया था कि इस दौरान राज्यभर में इसे 'प्रतिरोध संकल्प अभियान' के रूप में मनाएंगे. यह रैली पूर्वी मिदनापुर से उत्तरी बंगाल के कूच बिहार तक निकलने वाली थी.

राज्य के एटॉर्नी जनरल किशोर दत्ता ने कहा कि भाजयुमो ने 20 हजार बाइक के साथ रैली निकालने की अनुमति ली थी लेकिन लेकिन अब उन्होंने इस प्रतिरोध संकल्प अभियान का नाम दिया है जो कि बाइक रैली नहीं है. साथ ही पश्चिम बंगाल सरकार ने एकल पीठ के बाद खंडपीठ में फैसले को चुनौती देने का मन बनाया है. सरकार का कहना है कि गंगासागर मेले के कहत जाम और भीड़ से बचने के लिए रैली का आयोजन रद्द किया गया है.

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पिछले हफ्ते ही राज्य सरकार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को हावड़ा जिले में योग शिविर आयोजित करने की अनुमति नहीं दी थी. बाद में हाई कोर्ट के फैसले के बाद आरएसएस ने 7 जनवरी को यह शिविर आयोजित किया था.

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