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कार्यकर्ताओं से बोले बंगाल BJP अध्यक्ष- ऐसा कुछ करो कि पुलिस जेल ले जाए

पश्चिम बंगाल में बीजेपी सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस पार्टी (टीएमसी) को अगले विधानसभा चुनाव में कड़ी टक्कर देने की कोशिश में लंबे समय से लगी हुई है. अब राज्य के बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने जनाधार बनाने और उपस्थिति दर्ज कराने के लिए अपने कार्यकर्ताओं को जेल जाने की अपील की है.

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बंगाल बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष (फाइल-ट्विटर)
बंगाल बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष (फाइल-ट्विटर)

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  • पश्चिम बंगाल में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं दिलीप घोष
  • 'जेल नहीं जाता, वह नेता नहीं बनता, जेल जरूर जाइए'

पश्चिम बंगाल के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष दिलीप घोष ने पार्टी कार्यकर्ताओं से जेल जाने की अपील की है. उत्तर 24 परगना जिले के बैरकपुर में बुधवार को एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि जो जेल नहीं जाता है, वह नेता नहीं बनता है. ऐसा कुछ कीजिए कि पुलिस आपको जेल ले जाए. अगर पुलिस जेल नहीं ले जाती है तो आप जबरदस्ती जेल जाइए. तभी लोग आपकी बात मानेंगे.

दिलीप घोष ने बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के बैरकपुर में मंगल पांडे पार्क में आयोजित 'चा चक्र' कार्यक्रम में हिस्सा लेने के दौरान कहा कि आप कुछ ऐसा करो कि पुलिस पकड़ कर जेल ले जाए. यदि आप पुलिस द्वारा पकड़े जाते हैं तो वह आपको (बैरकपुर सब डिवीजन कोर्ट में एक वकील की ओर दिखाते हुए) बाहर निकालेगा.

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उन्होंने आगे कहा कि इसलिए आप चिंता न करें. जो जेल नहीं जाता है तो वह नेता नहीं बनता है. यदि वे (पुलिस) पकड़कर नहीं ले जाते हैं, तो आपको स्वयं जेल जाना होगा.

'नरम लोगों के लिए राजनीति में जगह नहीं'

दिलीप घोष ने कहा, 'मैं कैमरे के सामने यह बता रहा हूं. यदि वे गुंजाइश नहीं देते हैं या आपको जेल में नहीं ले जाते हैं, तो आपको जेल जाने के लिए खुद ही कुछ करना होगा. तभी लोग आपकी बात मानेंगे. राजनीति में नरम लोगों के लिए कोई जगह नहीं है.

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बीजेपी बंगाल प्रदेश अध्यक्ष घोष ने राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर भी सवाल उठाया और सीएए तथा एनआरसी के खिलाफ आंदोलन के विरोध में मंगलवार को हुई मुर्शिदाबाद हिंसा में 2 लोगों की मौत पर सवाल उठाया.

दिलीप घोष अपने विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं. दिलीप घोष ने पिछले दिनों कहा था कि दिल्ली के शाहीन बाग में कड़ाके की ठंड के बीच खुले आसमान के नीचे सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वालों में से कोई भी बीमार क्यों नहीं पड़ा या किसी की मौत क्यों नहीं हुई है.

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'वित्तीय मदद का स्रोत क्या'

घोष ने कहा था कि सीएए के खिलाफ महिलाएं और बच्चे दिल्ली में इन सर्द रातों में खुले आसमान के नीचे धरना दे रहे हैं. मुझे आश्चर्य है कि उनमें से कोई भी बीमार क्यों नहीं हुआ.

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प्रदेश अध्यक्ष घोष ने शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन और कोलकाता के सर्कस पार्क में धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों के वित्तीय मदद के स्रोत को भी जानना चाहा. सीएए के खिलाफ 15 दिसंबर से शाहीन बाग में सैकड़ों महिलाएं धरने पर हैं.

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