लोकसभा चुनाव 2019 से पहले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पश्चिम बंगाल में कमल खिलाने के लिए रथ यात्रा लेकर निकलेंगे. बीजेपी के रथ यात्रा को टक्कर देने के लिए कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) ने जनसंपर्क कार्यक्रम और पदयात्राएं करने का फैसला किया है.
बंगाल में सत्ता पर असीन टीएमसी ने हालांकि शाह की रथ यात्रा और विपक्ष की ओर से आयोजित किसी भी कार्यक्रम को तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि राज्य की जनता मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ मजबूती से खड़ी है.
बंगाल में पैठ बनाने की कोशिश में लगी बीजेपी हाल ही में हुए स्थानीय निकाय चुनावों में टीएमसी के बाद दूसरे स्थान पर रही थी. राज्य में बीजेपी टीएमसी की मुख्य प्रतिद्वंद्वी पार्टी के रूप में उभर कर सामने आई है. कांग्रेस ने राज्यभर में जनसंपर्क अभियान चलाने का निर्णय किया है. यह कार्यक्रम अगले महीने के आखिर में शुरू कर सकती है.
वहीं, सीपीएम नेतृत्व ने अपने किसान प्रकोष्ठ के बैनर तले हुगली जिले के सिंगूर में,मुर्शिदाबाद के फरक्का में और कूचबेहार जिले में तीन पद यात्रा करने की घोषणा की है. दोनों पार्टियों के सूत्रों ने बताया कि इन कार्यक्रमों का समय 5 से 9 दिसंबर के बीच शाह की तीन रथ यात्राओं के वक्त से टकराएगा.
पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष सोमेन मित्रा ने कहा कि जन संपर्क यात्रा का मकसद लोगों को पार्टी के कामों से अवगत कराना और नरेंद्र मोदी सरकार के भ्रष्टाचार,सांप्रदायिक राजनीति व कुशासन के बारे में बताना है.
मित्रा ने कहा, 'राज्य के प्रत्येक जिले, ब्लॉक और बूथ तक हमारे पार्टी कार्यकर्ता लोगों तक जाएंगे. हम उन्हें अवगत कराएंगें. हम पार्टी के लिए प्रत्येक घर से दो से पांच रूपए का चंदा भी इकट्ठा करेंगे. इन कार्यक्रमों से हम अपनी पार्टी को मजबूत करेंगे.'
सीपीएम के पोलित ब्यूरो के सदस्य और किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने बताया कि उनकी पार्टी किसानों से जुड़े मुद्दों के अलावा बीजेपी की विभाजनकारी नीतियों के बारे में लोगों को बताएगी.