पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रदेश के शरणार्थियों को जमीन का मालिकाना हक देने का फैसला किया है. इस फैसले के मुताबिक, ममता उन कॉलोनियों को नियमित करने जा रही हैं जहां लंबे समय से शरणार्थी रहते हैं. ममता ने नबना में कहा, 'हमने पूरी तरह से शरणार्थी बस्तियों को नियमित करने का फैसला किया है. इन शरणार्थियों को ऐसे रहते हुए एक लम्बा समय हो गया है. 1971 से ये लोग बिना जमीन के रह रहे हैं. मेरा मानना है कि शरणार्थियों के भी अधिकार हैं.'
पश्चिम बंगाल की सीएम ने सोमवार को कहा कि प्राइवेट पार्टी और केंद्र सरकार की जमीन पर बनी शरणार्थी बस्तियों को रेग्युलराइज करने के प्रयास किए जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि विस्थापित हुए लोगों को भी राज्य सरकार की ओर से जमीन का मालिकाना हक दिया जाएगा.
ममता बनर्जी का बयान ऐसे समय दिया, जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में कहा कि नेशनल रजिस्टर ऑफि सिटिजन (एनआरसी) को पूरे देश में लागू किया जाएगा. अमित शाह के इस बयान पर ममता बनर्जी ने कहा था कि हम बंगाल में इसे लागू नहीं होने देंगे.
West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee in Nabanna: We have decided to regularize all the lands (refugee settlements), solely because it has been a long time now. Since (March) 1971, they have been left hanging without a home or land. I believe refugees have the right. pic.twitter.com/b1YjfmGDQ0
— ANI (@ANI) November 25, 2019
राज्य सरकार की कैबिनेट मीटिंग के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार की जमीन पर बसी 94 शरणार्थी बस्तियों को रेग्युलराइज किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि कई बस्तियां केंद्र सरकार और प्राइवेट पार्टी की जमीन पर बसी हुई हैं. हम लंबे समय से कह रहे हैं कि इन बस्तियों को भी रेग्युलराइज करके लोगों को जमीन का अधिकार दिया जाए. हालांकि, लोगों को जमीन खाली करने के नोटिस भेजे जा रहे हैं.