दिल्ली के तुगलकाबाद में रविदास मंदिर तोड़े जाने के खिलाफ बुधवार को दलित समाज के लोगों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान वहां पर हिंसा भी हुई. इस बीच पूरे मामले पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने ट्वीट किया है. उन्होंने कहा कि मैं प्रदर्शनकारियों की पीड़ा को समझ सकती हूं. गुरु खुद उस मंदिर में गए थे और वहां पर रुके भी थे. संत रविदास के प्रति हमारे मन में बहुत सम्मान है. मंदिर दलितों के संघर्ष का प्रतीक है और इसे फिर से बनाया जाना चाहिए.
बता दें तुगलकाबाद मंदिर हिंसा मामले में गिरफ्तार किए गए भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर समेत सभी 96 लोगों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर ने कहा कि उनकी तरफ से कोई हिंसा नहीं की गई. साजिश में फंसाया गया. हम बाबा साहब के संविधान को मानते हैं, हिंसा पर भरोसा नहीं करते.
We are shocked that the Guru Ravidas temple in Delhi was demolished and understand his supporters' anguish, as the Guru had himself visited and stayed there. We have great respect for Sant Ravidas. The shrine symbolises the Dalits' struggle for their rights and must be rebuilt
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) August 22, 2019
पुलिस का दावा है कि लगभग 90 पुलिसकर्मी इस हिंसा में घायल हुए हैं. दलित कार्यकर्ताओं ने गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया है. पुलिस ने कहा है कि चूंकि हिरासत में लिए गए लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है इसलिए पुलिस स्टेशन में ही कार्रवाई पूरी की जाए.
क्या है पूरा मामला?
तुगलकाबाद इलाके में रविदास मंदिर तोड़े जाने के खिलाफ बुधवार शाम दलित समाज के लोगों ने रामलीला मैदान में बड़ा प्रदर्शन किया था. इस आंदोलन में दलित समुदाय के नेता और भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर मौजूद थे. इस विरोध प्रदर्शन में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से दलित समुदाय के सैकड़ों लोग भी शामिल हुए.
इसके बाद कई घंटे तक जमकर बवाल हुआ. रामलीला मैदान में रैली के बाद हजारों की संख्या में दलित समुदाय के लोग तुगलकाबाद पहुंचे और पत्थरबाजी शुरू कर दी. हिंसा के दौरान कई पुलिसकर्मी समेत दर्जनभर लोग जख्मी हो गए. जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने लाठियां भांजी और कई राउंड हवाई फायरिंग की थी.