पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपना प्रतिनिधिमंडल जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी भेजने में व्यस्त थीं, लेकिन उनके खुद के प्रदेश की जाधवपुर यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा पर वह कुछ नहीं बोलीं.
राज्यपाल ने ममता बनर्जी का बिना नाम लिए टीएमसी के डबल स्टैंडर्ड का आरोप लगाया और कहा कि सीएम को अपने राज्य के बाहर के मुद्दों पर कूदने से पहले अपने राज्य में शांति बहाल करनी चाहिए.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा की निंदा की थी. उन्होंने कहा था कि देश के सभी छात्रों को इस मसले पर एक साथ लड़ाई लड़नी चाहिए. ममता बनर्जी ने कहा कि वह अपनी पार्टी के कुछ नेताओं को इस मामले की जांच करने के लिए भेजेंगी.
दरअसल हाल ही में 24 दिसंबर 2019 को कोलकाता स्थित जाधवपुर यूनिवर्सिटी (जेयू) के नॉन टीचिंग स्टाफ ने मंगलवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ को यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में शामिल होने से रोकते हुए उन्हें वापस लौटने के झंडे दिखाए थे और उनकी कार रोक ली थी.
राज्यपाल को नहीं मिली थी कैंपस में एंट्री
तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता और प्रदर्शनकारी प्रदेश में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से संबद्ध रहे. यूनिवर्सिटी के गेट संख्या पांच पर लगभग आधा घंटा इंतजार करने के बाद यूनिवर्सिटी के पदेन कुलाधिपति जगदीप धनखड़ लौट गए थे.
राज्यपाल की कार के यूनिवर्सिटी गेट पर पहुंचने पर भारी सुरक्षा व्यवस्था होने के बावजूद 'गो बैक (बापस जाओ)' के नारे लगते रहे. इस दौरान धनखड़ सारा बंगले शिक्षाबंधु समिति के सदस्यों के विरोध प्रदर्शन के कारण वहीं फंस गए थे. ये लोग 'नो एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर), नो सीएए (नागरिकता संशोधन कानून)' लिखी तख्तियां भी लिए हुए थे.
उस वक्त राज्यपाल ने इस घटना को राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि यहां कानून का बुरी तरह उल्लंघन हुआ है. तृणमूल कांग्रेस सरकार पर असंवैधानिक काम करने का आरोप राज्यपाल कई बार लगा चुके हैं.
जादवपुर में भी भड़की जेएनयू हिंसा की आग
दरअसल जवाहर लाल यूनिवर्सिटी में छात्रों पर हुए हमले का असर कोलकाता में भी देखने को मिला. सोमवार को कोलकाता में सुलेखा मोड़ पर पुलिसकर्मियों और जादवपुर यूनिवर्सिटी के छात्रों के बीच झड़प हो गई थी . इसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था.
इससे पहले कोलकाता में लेफ्ट और बीजेपी के समर्थक आमने-सामने आ गए, जिसके बाद दक्षिणी कोलकाता में ट्रैफिक ठप हो गया और दोनों के बीच किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए भारी पुलिसबल तैनात किया गया था. यहां इस हमले के बाद दोनों पक्षों में हिंसा भड़की थी.
(IANS इनपुट के साथ)