पश्चिम बंगाल में सियासी हिंसा का दौर जारी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक नॉर्थ 24 परगना में शनिवार को चुनाव के बाद की हिंसा में 4 लोग मारे गए. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) दोनों ही एक-दूसरे पर हिंसा भड़काने का आरोप लगा रहे हैं. इस बीच, राज्य के हालात से अवगत कराने के लिए राज्य के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. राज्यपाल ने कहा कि इस दौरान बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई, लेकिन इसकी जरूरत पड़ती है तो विचार किया जा सकता है.
इंडिया टुडे से विशेष बातचीत में राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने कहा कि उन्होंने पीएम मोदी और गृह मंत्री को बंगाल की स्थिति से अवगत कराया है, जहां लोकसभा चुनावों के बाद हुई हिंसा में कम से कम दर्जन भर लोगों की मौत हो चुकी है. राज्य के हालात पर कहना है कि अगर स्थिति बिगड़ती है तो पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की आवश्यकता हो सकती है.
पीएम मोदी और गृह मंत्री के साथ चर्चा के बारे में बताते हुए त्रिपाठी ने बताया कि यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी. शपथ लेने के बाद से प्रधानमंत्री मोदी से व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात नहीं हुई थी सो आज की मुलाकात हुई. साथ ही मैंने पीएम को बंगाल के हालात से अवगत कराया.
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा केंद्र की एडवाइजरी को खारिज किए जाने पर राज्यपाल ने कहा कि केंद्र सरकार के पास एडवाइजरी जारी करने का अधिकार है. इसे अस्वीकार करना राज्य सरकार का मामला है. इसमें मेरी कोई भूमिका नहीं है.
बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि अगर कानून व्यवस्था बिगड़ती है तो वे पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग करेंगे. क्या आपको लगता है कि राज्य में राष्ट्रपति शासन की आवश्यकता है?
इस सवाल पर राज्यपाल ने कहा कि इसका संभावना हो सकती है. अगर राष्ट्रपति शासन की मांग की जाती है तो इस पर केंद्र सरकार विचार करेगी. लेकिन, मैंने आज प्रधानमंत्री या गृह मंत्री के साथ राष्ट्रपति शासन पर कुछ भी चर्चा नहीं की.
बता दें कि नॉर्थ ब्लॉक में अमित शाह से भेंट करने के बाद त्रिपाठी ने कहा, “मैंने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को पश्चिम बंगाल की स्थिति से अवगत कराया है.”पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की संभावना से जुड़े सवाल पर त्रिपाठी ने कहा, मुलाकातों के दौरान ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई.
राज्यपाल का दिल्ली दौरा गृह मंत्रालय की पश्चिम बंगाल सरकार को उस एडवाइजरी के बाद हुआ है जिसमें लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद भी राज्य में लगातार हिंसा जारी रहने पर ‘गहरी चिंता’ जताई गई. एडवाइजरी में साथ ही कहा गया कि इस तरह हिंसा का जारी रहना राज्य सरकार के पार्ट पर नाकामी प्रतीत होता है.