पश्चिम बंगाल सरकार ने विश्व हिन्दू परिषद के नेता प्रवीण तोगड़िया के पश्चिम बंगाल में प्रवेश पर बुधवार को प्रतिबंध लगा दिया. सरकार को डर है कि तोगड़िया के आने से प्रदेश में 'साम्प्रदायिक तनाव और सार्वजनिक शांति भंग हो सकती है.'
राज्य के गृह सचिव बासुदेब बनर्जी ने कहा कि सरकार ने इस संबंध में सीआरपीसी की धारा-144 के तहत अधिसूचना जारी कर जिलाधिकारियों से इसे अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में लागू करने को कहा है.
बनर्जी ने कहा कि, 'साम्प्रदायिक तनाव और सार्वजनिक शांति भंग होने से रोकने के लिए सीआरपीसी की धारा-144 के तहत जारी अधिसूचना को जिलाधिकारियों से अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में लागू करने को कहा गया है.' राज्य सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि प्रदेश में आगामी निकाय चुनावों को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है.
बैन पर बीजेपी ने की आलोचना
बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने विश्व हिंदू परिषद के नेता प्रवीण तोगड़िया को पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा राज्य में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के निर्णय की आलोचना की और कहा कि ऐसा नहीं किया जाना चाहिए.
राज्य सरकार के निर्णय पर प्रतिक्रिया के बारे में पूछने पर जोशी ने कहा, 'यह सही नहीं है. ऐसा नहीं किया जाना चाहिए.' कार्यक्रम में मौजूद आरएसएस सुप्रीमो मोहन भागवत ने किसी भी सवाल का जवाब देने से इंकार कर दिया.
पश्चिम बंगाल सरकार ने 'लोक शांति बाधित होने और सांप्रदायिक तनाव' की आशंका को देखते हुए विहिप नेता प्रवीण तोगड़िया को राज्य में घुसने से प्रतिबंधित कर दिया.
दूसरी ओर जेडीयू नेता केसी त्यागी ने बंगाल में प्रवीण तोगड़िया के प्रवेश पर प्रतिबंध का स्वागत किया है. उन्होंने कहा, 'बीजेपी के दो चेहरे हैं, पहला मोदी का विकास और दूसरा तोगड़िया का विध्वंसक चेहरा है. तोगड़िया के विचारों और भाषणों पर भी प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए.'