पश्चिम बंगाल में आज पंचायत चुनाव के दौरान भारी हिंसा हो रही है. कई इलाकों में हालात तनावपूर्ण हैं और इस हिंसा में अब तक अलग-अलग पार्टियों के 5 कार्यकर्ताओं की मौत हो चुकी है. सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस सवालों के घेरे में है और इस बीच पार्टी के एक सांसद ने पंचायत चुनाव के दौरान हिंसक घटनाओं का इतिहास याद दिलाते हुए आज के उत्पात को बहुत कम बताया है.
टीएमसी सांसद डेरेक ओब्रायन ने इस संबंध में ट्वीट किया है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है, 'जो बंगाल के पंचायत चुनाव के 'नवजात विशेषज्ञ' हैं, उन्हें बता दूं कि राज्य के पंचायत चुनाव का अपना इतिहास रहा है. 1990 में सीपीआई(एम) के शासनकाल में 400 लोगों की हत्या हुई थी और 2003 में 40 लोगों की मौत हुई थी.'
To all 'newborn' experts on Bengal #PanchayatElections in State have a history. 400 killed in poll violence in 1990s in CPIM rule. 2003: 40 dead.Every death is a tragedy. Now closer to normal than earlier times.Yes, few dozen incidents. Say,40 out of 58000 booths. What's %age ?
— Derek O'Brien (@derekobrienmp) May 14, 2018
हालांकि, डेरेक ओब्रायन ने अपने ट्वीट में ये भी लिखा कि हर मौत दुखद है. लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि पहले की तुलना में अब हालात सामान्य के करीब हैं और 58000 बूथ में से 40 पर हिंसक घटनाओं प्रतिशत हुए आज की घटनाओं को बहुत कम बताने की कोशिश की.
डेरेक ओब्रायन ने हिंसक घटनाओं के लिए बीजेपी और सीपीआई(एम) को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने दोनों पार्टियों पर माओवादी के साथ मिलकर तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मारने का भी आरोप लगाया. साथ ही ये भी कहा कि दोनों दल जानबूझकर ऐसे हालात पैदा कर रहे हैं.
CPI(M) and BJP are now so desperate that they are even ganging up with Maoists to kill/shoot/stab three Trinamool workers in different incidents in #Bengal today. Deliberately trying to foment trouble. Is this democracy? #PanchayatElection
— Derek O'Brien (@derekobrienmp) May 14, 2018
पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा में अब तक कुल 5 लोगों की मौत हो गई है. दक्षिण 24 परगना जिले में 3, मुर्शिदाबाद में 1 और उत्तर 24 परगना जिले में 1 व्यक्ति की मौत हुई है. मरने वालों में 3 सीपीएम कार्यकर्ता, 1 टीएमसी और 1 बीजेपी कार्यकर्ता शामिल है. आरोप है कि हिंसा में अलग-अलग पार्टी के कार्यकर्ता एक दूसरे को निशाना बना रहे हैं. इसी संघर्ष में अब तक अलग-अलग पार्टियों के 5 कार्यकर्ता जान गंवा चुके हैं. जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल बताए जा रहे हैं.