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पुरुलिया: बीजेपी कार्यकर्ता की मौत के मामले में 1 घंटे में बंद हो गई जांच

पुरुलिया में बीजेपी कार्यकर्ता दुलाल कुमार की मौत के मामले को जांच को पुलिस ने करीब एक घंटे में पूरी कर ली है. मौत से संबंधित दस्तावेज की एक प्रति जो आमतौर पर पूछताछ रिपोर्ट के रूप में तैयार की जाती है. उसके मुताबिक जांच 2 जून को 2.25 बजे शुरू की गई और 2 जून को ही 3.35 बजे जांच पूरी हो गई.

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बीजेपी कार्यकर्ता दुलाल कुमार का शव खंबे से लटका हुआ
बीजेपी कार्यकर्ता दुलाल कुमार का शव खंबे से लटका हुआ

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पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में बीजेपी कार्यकर्ता दुलाल कुमार की मौत के मामले को जांच को पुलिस ने करीब एक घंटे में पूरी कर ली. मौत से संबंधित दस्तावेज की एक प्रति जो आमतौर पर पूछताछ रिपोर्ट के रूप में तैयार की जाती है. उसके मुताबिक जांच 2 जून को 2.25 बजे शुरू की गई और 2 जून को ही 3.35 बजे जांच पूरी हो गई. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह अगले महीने राज्य का दौरा करेंगे. ऐसे में बीजेपी कार्यकर्ता की मौत का मामला गरमा सकता है.

बता दें कि 2 जून को पुरुलिया बलरामपुर के दाभा गांव में 32 वर्षीय दुलाल कुमार का शव गांव में ही एक बिजली के खंभे से लटका मिला था. दुलाल के अलावा दो बीजेपी कार्यकर्ता की और मामला है. बीजेपी ने इस कथित हत्या के लिए टीएमसी को जिम्मेदार ठहराया था. एक अन्य मामले में 18 वर्षीय त्रिलोचन महतो का शव पाया गया था. उसके शव पर एक पोस्टर भी चिपकाया जिसपर लिखा था कि बीजेपी के लिए काम करने का यही हश्र होगा.  

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अंग्रेजी अखबार इकोनॉमिक्स टाइम्स के रिपोर्ट के मुताबिक दुलाल कुमार की मौत पर एसपी ने दावा किया था कि उसने आत्महत्या की थी. जबकि दुलाल के परिजनों का कहना था कि उन्होंने आत्महत्या नहीं की बल्कि उनकी हत्या की गई. दुलाल का शव जिस बिजली के खंभे सी लटक रहा था, वह जमीन से लगभग सात फीट ऊंचा था.

जांच पर उठे सवाल

बंगाल पुलिस ने जो रिपोर्ट तैयार की, उसमें यह भी नहीं लिखा गया कि खंभा कितना ऊंचा था. आमतौर पर जब घटनास्थल से शव को कब्जे में लिया जाता है तो उस दौरान चश्मदीदों का होना जरूरी होता है. स्थानीय लोगों से पूछताछ की जाती है कि किसने सबसे पहली बार शव देखा? घटना की हर पहलू और हर कड़ी को जोड़ा जाता है. इसके अलावा मृतक के परिजनों को बुलाया जाता है और घटनास्थल की फोटोग्राफी भी होती है. क्राइम ब्रांच की टीम को बुलाया जाता है ताकि साक्ष्य एकत्र किए जा सकें. इसके अलावा कई अन्य चीजें होती हैं जिनमें घंटों लगते हैं. 

आत्महत्या या हत्या

2 जून को एसपी जॉय बिस्वास ने बिना पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आए ही घटना को आत्महत्या करार दे दिया था. एक दिन बाद नए एसपी आकाश मघारिया ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद इस घटना को आत्महत्या बताया गया. हालांकि, दुलाल के परिजनों ने बलरामपुर थाने में हत्या की तहरीर दर्ज कराई थी. जब इस मामले में बलरामपुर थाना इंचार्ज सुदीप हजारा से बात की गई तो उन्होंने इस घटना पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि मामले सीआईडी के पास है, वह इसमें कुछ नहीं कह सकते.

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सवाल यह है कि दुलाल बिना किसी मदद के आखिर इतने ऊंचे खंभे पर कैसे चढ़े? उसका शव नायलॉन की रस्सी से लटक रहा था. यह भी अजीब बात थी  कुछ और इसी तरह की मौतें हुईं उन्हें भी इस केस से जोड़कर देखा जा सकता है.

सीबीआई जांच की मांग

दुलाल की पत्नी मोनिका और बीजेपी के जिलाध्यक्ष विद्यासागर चक्रबर्ती ने कहा कि दुलाल ने 1 जून को बलरामपुर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया था. यह कार्यक्रम 18 साल के युवक त्रिलोचन महतो की हत्या के विरोध में था. आज तक त्रिलोचन की हत्या के मामले में भी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. यह मामले भी केस सीआईडी को ट्रांसफर कर दिया गया था. त्रिलोचन महतो के मामले में सीआईडी के एडीजी लॉ ऐंड ऑर्डर अनुज शर्मा ने बताया कि अभी जांच चल रही है.

हालांकि दुलाल के घरवालों और बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन दफ्तर के बाहर धरना दिया और सीबीआई जांच के लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है. बीजेपी नेता लॉकेट चटर्जी ने बताया कि वे दुलाल के परिवार के साथ थाने गए थे लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई. सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी अपील यह कहते हुए खारिज कर दी कि इस मामले में पहले हाईकोर्ट कोलकाता में अपील दायर करें. अब वे लोग हाई कोर्ट में अपील दायर करने की तैयारी कर रहे हैं.

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बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह राज्य का दौरा करेंगे. उनके पुरुलिया आने का भी कार्यक्रम है. शाह के दौरे से माना जा रहा है कि ये मामला एक बार और तूल पकड़ सकता है.कोलकाता और राज्य भर के जिलों में बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या के विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.

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