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ममता के करीबी अफसर राजीव कुमार को झटका, SC ने गिरफ्तारी से हटाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी अधिकारी राजीव कुमार को गिरफ्तारी से मिली राहत को वापस ले लिया है. साथ ही उनको अग्रिम जमानत के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख करने के लिए 7 दिन का समय दिया है. शीर्ष अदालत ने कहा कि अब सीबीआई सात दिन बाद राजीव कुमार को गिरफ्तार कर सकती है.

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फाइल फोटो (Courtesy- aajtak.in)
फाइल फोटो (Courtesy- aajtak.in)

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सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी अधिकारी और कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को तगड़ा झटका दिया है. शीर्ष अदालत ने शारदा चिटफंड घोटाला मामले में राजीव कुमार को गिरफ्तार करने और हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर रोक संबंधी प्रोटेक्शन को वापस ले लिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने उनको अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट का रुख करने के लिए 7 दिन का समय भी दिया है. शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर राजीव कुमार सात दिन के अंदर कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख नहीं करते हैं और उनको वहां से अग्रिम जमानत नहीं मिलती है, तो सीबीआई सात दिन बाद राजीव कुमार को गिरफ्तार कर सकती है.

आपको बता दें कि इससे पहले सीबीआई के अधिकारी जब राजीव कुमार से पूछताछ करने पहुंचे थे, तो कोलकाता पुलिस ने उनको हिरासत में ले लिया था. इसके बाद राजीव कुमार ने सीबीआई की गिरफ्तारी से राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था और उनकी गिरफ्तारी पर रोक लग गई थी.

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इस मामले में सीबीआई ने अभी तक राजीव कुमार के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज नहीं किया है. अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई राजीव कुमार को नोटिस जारी करेगी और पूछताछ के लिए बुलाएगी. राजीव कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ करने के लिए सीबीआई को मामले में एफआईआर दर्ज करनी होगी.

उधर, राजीव कुमार की लीगल टीम ने मामले में अग्रिम जमानत के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट जाने का फैसला लिया है. राजीव कुमार की लीगल टीम का कहना है कि अगर सीबीआई ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की, तो उसको रद्द कराने के लिए भी अदालत में याचिका दायर की जाएगी.

राजीव कुमार की लीगल टीम अग्रिम जमानत के लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू करने के लिए चुनाव आयोग का भी रुख करेगी. साथ ही चुनाव आयोग से राजीव कुमार को कोलकाता जाने की इजाजत देने की अपील करेगी.

हड़ताल पर कलकत्ता हाईकोर्ट के वकील

गिरफ्तारी से बचने के लिए राजीव कुमार एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट की शरण में जा सकते हैं. इसकी वजह यह है कि पिछले तीन दिन से कलकत्ता हाईकोर्ट के वकील हड़ताल कर रहे हैं. कोई भी वकील हाईकोर्ट में सुनवाई में हाजिर नहीं हो रहा है. ऐसे में राजीव कुमार अपनी अग्रिम जमानत के लिए फिर से सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं.

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क्या है पूरा मामला, कौन हैं  राजीव कुमार

दरअसल, शारदा चिटफंड घोटाला मामले में राजीव कुमार का नाम सामने आया है. इसको लेकर सीबीआई राजीव कुमार से पूछताछ करना चाहती है. इस सिलसिले में सीबीआई ने राजीव कुमार के ठिकाने पर छापेमारी करने भी की कोशिश की थी. हालांकि कोलकाता पुलिस ने सीबीआई के अधिकारियों को ही हिरासत में ले लिया था, लेकिन बाद में छोड़ दिया था.

कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर और सीआईडी के पूर्व ADG राजीव कुमार वही हैं, जिनको लेकर हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केंद्र सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गई थीं. कुछ दिन पहले राजीव कुमार के घर पर सीबीआई ने छापा मारा था. इसके खिलाफ ममता बनर्जी ने मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया था और धरने पर बैठ गई थीं.

इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था. शीर्ष अदालत के आदेश के बाद मामला थोड़ा शांत हो गया था और राजीव कुमार को कमिश्नर पद से हटा दिया गया था. इसके बाद उनकी नियुक्ति सीआईडी में की गई थी. इसके बाद चुनाव आयोग ने राजीव कुमार को सीआईडी के एडीजी के पद से ही हटा दिया और उनको वापस गृह मंत्रालय भेज दिया.

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