scorecardresearch
 

पश्‍िचमी भारत में छा जाएगा अंधेरा, कोयले की कमी से बिजली उत्पादन ठप

देश में कोयले की कमी का असर दिखने लगा है. पश्चिमी भारत के बिजली संयंत्रों में कोयले की कमी की वजह से काम बंद होने लगा है. बुधवार को कई इकाइयों ने कोयले की कमी, भुगतान में देरी और तकनीकी कारणों से अपने उत्पादन बंद कर दिए. एक अंग्रेजी अखबार ने यह खबर दी है.

Advertisement
X
Symbolic Image
Symbolic Image

देश में कोयले की कमी का असर दिखने लगा है. पश्चिमी भारत के बिजली संयंत्रों में कोयले की कमी की वजह से काम बंद होने लगा है. बुधवार को कई इकाइयों ने कोयले की कमी, भुगतान में देरी और तकनीकी कारणों से अपने उत्पादन बंद कर दिए. एक अंग्रेजी अखबार ने यह खबर दी है.

Advertisement

सरकारी सूत्रों ने बताया कि वेस्टर्न रीजनल लोड डिस्पैच सेंटर ने खबर दी है कि पश्चिमी भारत में 7,713 मेगावाट बिजली का उत्पादन नहीं हो सका, क्योंकि कई प्लांट ठप हो गए. वेस्टर्न ग्रिड में अभी 3,143 मेगावाट बिजली की कमी है. ग्रिड को ध्वस्त होने से बचाने के लिए सभी राज्यों से लोड शेडिंग के लिए कहा गया है. उनसे यह भी कहा गया है कि वे दूसरे राज्यों में दी जाने वाली बिजली में भी कटौती करें.

यह आशंका भी जताई जा रही है कि बिजली की कमी उत्तर भारत तक पहुंच सकती है, क्योंकि कुछ बड़े प्लांट जैसे कि एनटीपीसी, अडानी पावर, टाटा वगैरह हरियाणा, पंजाब और राजस्थान की बिजली की आपूर्ति करते हैं. इन राज्यों में बारिश की कमी के कारण बिजली की भारी मांग है. उनके अपने प्लांट बंद पड़े हुए हैं और उनके पास बाहर से बिजली खरीदने के लिए पैसा नहीं है.

Advertisement

एनटीपीसी, इंडिया बुल्स, लैंको, टाटा और अडानी ने अपने उत्पादन में कमी कर दी है. इनमें से अकेले तीन ने 1580 मेगावाट बिजली का उत्पादन बंद कर दिया. लेकिन अडानी समूह ने तो बिना बताए ही 2970 मेगावाट बिजली का उत्पादन बंद कर दिया. उसका कहना है कि न केवल कोयले की कमी है बल्कि हरियाणा सरकार पैसों का भुगतान भी नहीं कर रही है.

Advertisement
Advertisement