वार्टन विश्वविद्यालय द्वारा गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को दिए गए निमंत्रण को वापस लेने पर निराशा प्रकट करते हुए आम आदमी पार्टी (एएपी) के नेता अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि दबाव में आकर अपना दिमाग बदलने का विश्वविद्यालय का फैसला बिल्कुल गलत है.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वार्टन इंडिया फोरम को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि वह इस फैसले से निराश हैं. उन्होंने बिजली और पानी के बढ़े हुए बिल के विरोध में शनिवार से ही अनिश्चितकालीन उपवास शुरू किया.
उन्होंने कहा, ‘मैं श्रीमान मोदी का समर्थक नहीं हूं. दरअसल मैं कई बातों को लेकर उनसे सहमत भी नहीं हूं और कई अवसर पर मैंने सार्वजनिक रूप से उनका विरोध किया, लेकिन मैं उन्हें फोरम में संबोधन करने के लिए मिले न्यौते को रद्द करने पर अपना निराशा दर्ज कराना चाहूंगा.’
केजरीवाल ने कहा कि पहले न्यौता देना और फिर दबाव में आकर उसे रद्द कर देना सही नहीं हैं. यह बुहत गलत है और व्हार्टन जैसी प्रतिष्ठित संस्था के लिय यह शोभा नहीं देता.
उन्होंने कहा कि जो लोग अन्य से सहमत नहीं होने पर उनकी बात सुनने से इनकार कर देते हैं वे सीखने और आगे बढ़ने का मौका गंवा देते हैं और किसी को बोलने देने से मना करना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ है.