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भारत बताए आतंकवाद के मोर्चे पर हमसे क्या चाहता है: पाकिस्तान

गृहमंत्री पी चिदम्बरम की इस्लामाबाद यात्रा से पहले पाकिस्तान ने बुधवार को कहा कि वह उनसे यह जानना चाहता है कि आतंकवाद के मोर्चे पर भारत उससे क्या चाहता है ताकि संबंधों को सामान्य बनाया जा सके.

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गृहमंत्री पी चिदम्बरम की इस्लामाबाद यात्रा से पहले पाकिस्तान ने बुधवार को कहा कि वह उनसे यह जानना चाहता है कि आतंकवाद के मोर्चे पर भारत उससे क्या चाहता है ताकि संबंधों को सामान्य बनाया जा सके.

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पाकिस्तान के विदेशमंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि दोनों देश यदि भरोसे की कमी की खाई पाट सकें और संबंध बेहतर कर सकें तो इससे व्यापार और पर्यटन समेत कई गतिविधियों में तेजी आ जाएगी. कुरैशी ने कहा, ‘मेरे विचार में, दोनों देश आतंकवाद से पीड़ित हैं. मेरे विचार में, दोनों देशों को आतंकवाद के इस मुद्दे से निपटने के लिए बातचीत करना चाहिए. सामूहिक तरीके से हम यह काम ज्यादा प्रभावी ढंग से कर सकते हैं.’

एशिया में संवाद और विश्वास संवर्धन पर एशियाई सम्मेलन (सीआईसीए) में शिरकत के लिए यहां आए कुरैशी ने कहा, ‘मुझे यह जानकर खुशी हुई कि भारत के गृहमंत्री 26 जून को पाकिस्तान की यात्रा पर आ रहे हैं. मुझे भरोसा है कि वह इन मुद्दों पर अपने पाकिस्तानी समकक्ष के साथ विचार-विमर्श करेंगे.’ उल्लेखनीय है कि दक्षेस के गृह मंत्रियों की इस्लामाबाद में होने वाली बैठक में शामिल होने के लिए चिदम्बरम पाकिस्तान जाएंगे.

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इस्लामाबाद यात्रा के दौरान चिदम्बरम की पाकिस्तान के कुछ नेताओं से द्विपक्षीय मुलाकात होने की उम्मीद है. कुरैशी ने कहा कि यदि मुझे चिदम्बरम से बात करने का ‘मौका’ मिला तो ‘मैं यह समझना चाहूंगा कि पाकिस्तान से भारत क्या चाहता है और मैं उन्हें यह बताना चाहूंगा कि आतंकवाद पर पाकिस्तान ने क्या कदम उठाए हैं.’ उन्होंने कहा कि दोनों मुल्कों को विश्वास बहाली के लिए सूचनाओं का आदान प्रदान करना चाहिए. {mospagebreak}

कुरैशी ने कहा, ‘मुझे लगता है कि सूचनाओं के आदान-प्रदान से भी भरोसा कायम होगा. एक दूसरे के विचार समझने से भी कई मुद्दे स्पष्ट हो जाएंगे.’ उन्होंने कहा कि यदि दोनों देश ‘एक दूसरे पर उंगली उठाना शुरू कर दें तो इससे किसे फायदा पहुंचेगा, न भारत को न पाकिस्तान को. सच तो यह है कि इसे सिर्फ आतंकवादियों को फायदा पहुंचेगा. इसलिए हमें इस जाल में नहीं फंसना चाहिए.’

कुरैशी ने कहा कि दोनों देशों को इस बारे में विचार-विमर्श करना चाहिए कि आतंकवाद से उबरने के लिए दोनों एक दूसरे की मदद किस तरह कर सकते हैं. नवंबर वर्ष 2008 में मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले का उल्लेख करते हुए कुरैशी ने कहा कि इस त्रासदी के बाद वातावरण ‘दूषित’ हुआ और ‘भारत ने संवाद स्थगित करने का बेहद कठोर निर्णय किया जो मेरे विचार में शायद सही नहीं था.’

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भारत और पाकिस्तान के बीच एवं दक्षेस राष्ट्रों के दरम्यान व्यापार संबंधों को बढ़ाने की जरूरत पर बल देते हुए कुरैशी ने कहा, ‘मुझे लगता है कि भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार की बड़ी संभावनाएं हैं. दक्षेस राष्ट्रों के बीच भी व्यापार की बहुत संभावना है.’ उन्होंने कहा कि दक्षेस क्षेत्र के भीतर व्यापार सीमित रहा है क्योंकि 8 सदस्यीय समूह के दो बड़े देश भारत और पाकिस्तान अपने मुद्दों को वर्षों बीत जाने के बाद भी हल नहीं कर सके.

उन्होंने कहा, ‘यदि हम भरोसे की कमी की खाई पाटते हैं तो पूरा माहौल बदल जाएगा. भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध यदि सामान्य हो जाएं तो पर्यटन को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं. भारत के साथ पाकिस्तान अच्छे पड़ोसी की तरह संबंध चाहता है.’ पाकिस्तान के विदेशमंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान में ऐसे कई लोग हैं जो भारत की यात्रा पर जाने के लिए बड़े उत्सुक हैं कुरैशी ने कहा, ‘यदि हमारे संबंध बेहतर होते हैं, हम वीजा नियमों को उदार बना सकते हैं, इससे कारोबारी गतिविधियां बढ़ेंगी. मुझे लगता है कि इससे भरोसा पैदा होगा. इससे दोनों देशों के लोगों के बीच सम्पर्कों और संबंधों में सुधार होगा.’

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