22 अगस्त 2003, पुरातत्व सर्वेक्षण का काम पूरा हो चुका था और एएसआई ने संदूकों में भरकर अपनी रिपोर्ट और खुदाई से मिले सबूत हाईकोर्ट के हवाले कर दिया. लेकिन, एक बड़ा असमंजस कायम रहा कि क्या एएसआई के सबूतों को दोनों पक्ष मान्यता देंगे?
अदालत में अब सबूतों पर जिरह शुरू हुई.सुन्नी सेंट्रल वक्फ़ बोर्ड ने विवादित परिसर में 1528 से ही मस्जिद होने के सबूत के तौर पर इतिहास की किताबें पेश कीं और अपने मालिकाना हक के सबूत के तौर पर वक्फ़ बोर्ड का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट नंबर 26 पेश किया है.