प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दिल्ली में 'परीक्षा पे चर्चा 2.0' कार्यक्रम में टीचर्स, स्टूडेंट्स और उनके माता-पिता से कई मुद्दों पर खुलकर बातचीत की. इस दौरान प्रधानमंत्री से हुए संवाद में एक दिलचस्प वाकया देखने मिला. यहां एक अभिभावक ने अपने बच्चे के ऑनलाइन गेम खेलने की लत को छुड़ाने पीएम मोदी से सलाह मांगी.
दरअसल, 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम में शामिल होने आई मधुमिता सेन गुप्ता ने पीएम मोदी से पूछा कि, "मेरा बेटा पढ़ाई में बहुत अच्छा था. उसे टीचर्स प्रोत्साहित करते थे. लेकिन पिछले कुछ समय से वह ऑनलाइन गेम्स के लिए कुछ ज्यादा ही आकर्षित हुआ है. जिसके कारण उसकी पढ़ाई पर असर पड़ा है. इसलिए आप मार्ग दर्शन कीजिये."
इसके जवाब में पीएम मोदी ने बच्चे की मां से पूछा कि, 'ये PUBG वाला है क्या? यह सुनकर पूरा हॉल ठहाकों से गूंज उठा. मोदी ने कहा कि ऑनलाइन गेम समस्या भी है और समाधान भी है. यदि हम चाहें कि बच्चे टेक्नोलॉजी से दूर चले जाएं तो यह ठीक नहीं होगा. गेम खेलते वक्त हम जिंदगी से पीछे चले जाते हैं. लेकिन इससे दूरी बनाना सही नहीं है. क्या टेक्नोलॉजी उसे रोबोट बना रही है क्या? या इंसान बना रही है. यदि मां- बाप थोड़ी रूचि लें. खाना खाते वक्त चर्चा करें उसे प्रोत्साहित करें तो ठीक होगा. क्या नए एप्स आए हैं उससे जानकारी लेते रहे. इससे टेक्नोलॉजी में बच्चे को बढ़ावा मिलेगा.'
#WATCH:PM replies when a mother asks what must she do as her son, a Class-IX student is distracted by online games “Ye PUBG wala hai kya? Ye samasya bhi hai, samadhaan bhi hai, hum chahe hamare bachhe tech se door chale jayen, fr toh vo ek prakar se piche jana shuru ho jaenge" pic.twitter.com/uDjqVd4RZa
— ANI (@ANI) January 29, 2019
पीएम मोदी ने आगे कहा कि यहां सबके पास स्मार्ट फोन हैं, लेकिन सब प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में आकर अपने दोस्तों को मैसेज में बताएंगे कि हम पीएम के कार्यक्रम में आए हैं. लेकिन ऐसा करने से जिंदगी और सिकुड़ती चली जाती है. इसलिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल सामर्थ्य बढ़ाने के लिए होना चाहिए.
गुजरात में बैन...
गौरतलब है कि पबजी (PUBG) गेम बच्चों के बीच काफी मशहूर है. इस गेम के कारण कई बच्चों के पढ़ाई कम करने, मानसिक तनाव बढ़ने और हिंसक होने के मामले सामने आए हैं. कुछ समय पहले ही गुजरात सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया था. साथ ही राज्य के शिक्षा विभाग ने अध्यापकों को निर्देश जारी कर गेम की लत को छुड़ाने कहा था.