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ये है मोदी-ओबामा मीटिंग का एजेंडा

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का तीन दिवसीय भारत दौरा रविवार से शुरू हो रहा है. वह पहले अमेरिकी राष्ट्रपति हैं, जो गणतंत्र दिवस पर परेड में हिस्सा लेने आ रहे हैं. उनके इस दौरे को भारत-अमेरिका संबंधों के नए दौर के तौर पर देखा जा रहा है.

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रविवार से शुरू हो रही ओबामा की तीन दिवसीय भारत यात्रा
रविवार से शुरू हो रही ओबामा की तीन दिवसीय भारत यात्रा

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का तीन दिवसीय भारत दौरा रविवार से शुरू हो गया है. वह पहले अमेरिकी राष्ट्रपति हैं, जो गणतंत्र दिवस पर होने वाली परेड में हिस्सा लेंगे. उनके इस दौरे को भारत-अमेरिका संबंधों के नए दौर के तौर पर देखा जा रहा है.

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ओबामा के साथ निवेश और कारोबार की संभावनाएं भी भारत आ रही हैं. अमेरिका की कॉमर्स सेक्रेटरी पेनी प्रिट्जकर सहित अमेरिका के तमाम सीईओ भी आ रहे हैं. हैदराबाद हाउस में रविवार को होने वाले लंच के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बराक ओबामा अपने-अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ द्विपक्षीय व्यापार पर चर्चा करेंगे.

प्रधानमंत्री मोदी मोदी पहले पूरब से निवेश लेकर आए. लेकिन वह जानते हैं कि ग्लोबल कंपनियों का बसेरा अमेरिका है. अगर दुनिया के बाजार पर छा जाना है तो अमेरिका को साथ लेकर चलना होगा. इसी सोच के साथ मोदी ने ओबामा को उनके कार्यकाल के अंत में भी पूरे जोश-खरोश के साथ न्योता दिया है, ताकि अमेरिकी कंपनियों से निवेश भारत आ सके और मोदी का 'मेक इन इंडिया' कैंपेन सफल हो सके.

इन मुद्दों पर चर्चा करेंगे मोदी और ओबामा

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1.परमाणु करार पर डैडलॉक
भारत और अमेरिका के बीच परमाणु करार हुए काफी समय हो चुका है, लेकिन कुछ मुद्दों पर दोनों देशों के बीच मतभेद हैं. सूत्रों का कहना है कि इस मुलाकात में दोनों देश मुद्दे सुलझा सकते हैं.

2. व्यापार और निवेश
दोनों देशों को बीच 2020 तक 500 बिलियन यूएस डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार करने पर बातचीत होगी. ओबामा के साथ कई अमेरिकी सीईओ भी आ रहे हैं. ऐसे में कई बड़े समझौतों का भी ऐलान हो सकता है.

3. रक्षा और सुरक्षा
भारत पाकिस्तान की ओर से आतंकी खतरे का मुद्दा उठाएगा. साथ ही आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई और खुफिया जानकारी साझा करने पर चर्चा होगी. मुुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद और जकीउर रहमान लखवी को भारत सौंपने के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए भारत सरकार अमेरिका से कह सकती है.

4. ऊर्जा और पर्यावरण
इस साल के अंत में पेरिस में होने वाले क्लाइमेंट चेंज एग्रीमेंट पर भारत अपनी आपत्तियां जाहिर करेगा, और अमेरिका से सहयोग की मांग करेगा.

5. क्षेत्रीय चुनौतियां
भारतीय उपमहाद्वीप सहित दुनिया भर की चुनौतियों और आईएसआईएस के उभरते खतरे से निपटने की रणनीतिर पर चर्चा. इन सब मुद्दों सहित भारत अमेरिका रक्षा सहयोग समझौता भी अगले दस साल के लिए रीन्यू किया जाएगा.

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