Whatsapp और सोशल मीडिया को लेकर लोग अक्सर भले सवाल उठाते रहते हों लेकिन यह तकनीक के ये नए साधन किसी की जान भी बचा सकते हैं. राजस्थान में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां Whatsapp की वजह से एक महिला की डिलिवरी ठीक से हो सकी और मां-बच्चे की जान बचाई जा सकी.
दरअसल बीकानेर की जिला कलेक्टर आरती डोगरा ने चिकित्सकों को गंभीर रोगी के उपचार में व्हाट्सऐप का प्रयोग करने का निर्देश दिया है. इसी से एक महिला रोगी को समय पर उपचार मिलने से जान बच गयी. डोगरा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि नोखा ब्लॉक के मैनसर गांव की मघी देवी का गत 27 जनवरी को प्रसव के दौरान स्थिति गंभीर हो गई थी. इसके बाद जिला औषधि भंडार के नोडल अधिकारी डॉ. नवल किशोर गुप्ता ने पूरे प्रकरण को ‘मेडिकल डिपार्टमेंट बीकानेर’ के नाम से बने Whatsapp ग्रुप में डाला.
ग्रुप में मामला आते ही पीबीएम के प्रसूति रोग विभाग के डॉ. सुवाराम सैनी ने Whatsapp पर प्राथमिक उपचार और दवा संबंधित निर्देश प्रदान किए, जिसके आधार पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नोखा कि डॉक्टर ने मरीज का इलाज किया जिससे उसकी जान बच गयी. उन्होंने बताया कि महिला के स्वस्थ्य होने पर एक फरवरी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. डोगरा ने कहा कि अगर मघी देवी को उच्च इलाज के लिए भेजा नहीं जाता और रास्ते भर एम्बुलेंस में Whatsapp ग्रुप में कहे अनुसार इलाज नहीं किया जाता तो महिला की जान बचनी मुश्किल थी.
-इनपुट भाषा से