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आसमान पर हैं गेहूं-चावल के दाम: बीजेपी

देश के सरकारी भंडारों में बड़े पैमाने पर गेहूं सहित अनाज के सड़ने का आरोप लगाते हुए विपक्षी भाजपा ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि अनाज सड़ने के कारण गेहूं और चावल के दाम आसमान छू रहे हैं और लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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देश के सरकारी भंडारों में बड़े पैमाने पर गेहूं सहित अनाज के सड़ने का आरोप लगाते हुए विपक्षी भाजपा ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि अनाज सड़ने के कारण गेहूं और चावल के दाम आसमान छू रहे हैं और लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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भाजपा के वरिष्ठ नेता कलराज मिश्र ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में भंडारण की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण बड़े पैमाने पर गेहूं सड़ रहा है.

उन्होंने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री ने आश्वासन दिया था कि निजी भंडारण सहित अनाज के भंडारण के समुचित प्रबंध किये जायेंगे, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही और राजनेताओं की नीयत के कारण जमाखोरों की बन आयी है और वह ऊंचे दाम पर गेहूं और चावल बेच रहे हैं.

मिश्र ने कहा कि मामला इस हद तक पहुंच चुका है कि उच्चतम न्यायालय ने भी इस मामले में गंभीर टिप्पणी की है. उच्चतम न्यायालय ने कहा कि यदि अनाज का सही भंडारण नहीं हो पा रहा है तो उसे गरीबों में मुफ्त बांट दिया जाना चाहिये. भाजपा नेता ने मांग की कि केंद्रीय कृषि मंत्री को संसद के माध्यम से पूरे मामले की देश को जानकारी देनी चाहिये.{mospagebreak}शून्यकाल में ही भाजपा के प्रकाश जावडेकर ने देश में खाद की भारी किल्लत होने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार खाद की कमी पूरी करने के लिये पर्याप्त उपाय नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि आज स्थिति यह है कि महाराष्ट्र जैसे राज्यों में किसानों को प्रति बोरी 200-300 रुपये ब्लैक देकर उर्वरक खरीदना पड़ रहा है. देश में उर्वरकों की 50 लाख टन की कमी है.

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जावडेकर ने कहा कि सरकार ने उर्वरक का उत्पादन बढ़ाने की दिशा में कोई प्रयास नहीं किये हैं. न तो उर्वरक के बंद कारखानों को खोलने का प्रयास किया गया और न ही इस क्षेत्र में कोई नया निवेश किया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में केंद्रीय रासायनिक और उर्वरक मंत्री तथा केंद्रीय कृषि मंत्री कोई रुचि नहीं ले रहे.

भाजपा नेता ने मांग की कि सरकार को रासायनिक उर्वरकों की मांग पूरी करने के साथ-साथ मृदा स्वास्थ्य मिशन की घोषणा करनी चाहिये. मार्क्‍सवादी के. एन बालगोपाल ने शून्यकाल में केरल के राजमार्ग की दुर्दशा का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि राज्य के राजमागो’ की दुर्दशा हो गयी है और वर्षा के मौसम में लोगों को सड़कों की स्थिति के कारण बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है.{mospagebreak}उन्होंने कहा कि सार्वजनिक निजी भागीदारी के जरिये विकसित किये गये राजमागो’ के रखरखाव के लिये सरकार धन का प्रावधान नहीं करती. इस मामले में केंद्र सरकार को उचित धनराशि मुहैया करानी चाहिये.

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