हर बार की तरह इस बार भी संसद के बजट सत्र में विभिन्न मुद्दों पर बहस देखने को मिल रही है. बुधवार को राज्य सभा में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी और बीएसपी सुप्रीमो मायावती, दलित छात्र रोहित वुमेला के मुद्दे पर आपस में भिड़ गई हैं. स्मृति इतने गुस्से में थी कि उन्होंने अपना सिर तक कलम करने की बात कह डाली.
मायावती ने छेड़ा दलित राग
राज्य सभा में शून्यकाल शुरू होते ही मायावती ने पिछले महीने रोहित वेमुला की खुदकुशी की जांच के लिए बनाई गई न्यायिक जांच समिति पर सवाल उठाया. मायावती ने कहा कि जिस जांच समिति के आदेश दिए गए हैं, उसमें दलितों को रखने में सरकार को किस बात की तकलीफ है.
मायावती ने मांगा इस्तीफा
उपसभापति के बार-बार दखल के बावजूद मायावती ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार इस मामले के आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही है, जो वेमुला की मौत के लिए जिम्मेदार हैं. साथ ही उन्होंने स्मृति ईरानी और वेमुला के खिलाफ कार्रवाई के लिए दबाव बनाने वाले केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय के इस्तीफे की भी मांग की.
स्मृति ने कहा कर दूंगी अपना सिर कलम
स्मृति ईरानी इससे बेहद नाराज हो गई और सभा में खड़े होकर कहा, 'मायावती जी आप और बीएसपी के नेता और कार्यक्रता एक बार मेरी बात सुन लीजिए. अगर आप मेरे जवाब से संतुष्ट न हों, तो मैं अपना सिर काटकर आपके चरणों में चढ़ा दूंगी.'
स्मृति ने दिया करारा जवाब
स्मृति की बात से असंतुष्ट मायावती ने कहा, 'आप किसी को बोलने नहीं दे रही हैं और आप दलित विरोधी हैं. मैं सिर्फ पूछ रही हीं कि जांच समिति में दलित को शामिल करने में समस्या क्या है?' स्मृति ने जवाब में कहा, 'जांच समिति में दलित थे. आपने ही उनके निर्णय को स्वीकार नहीं किया था. जांच समिति में दलित प्रोफेसर थे और वॉर्डन भी दलित था. आप कहना चाहती हैं कि एक नागरिक दलित तब होगा जब मायावती उसे दलित बताएंगी?'