व्हिसलब्लोवर नौकरशाह संजीव चतुर्वेदी और गैर सरकारी संगठन 'गूंज' के संस्थापक अंशु गुप्ता को मनीला में सोमवार को 2015 का मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
बड़े पैमाने पर युवाओं का बढ़ेगा मनोबल: चतुर्वेदी
इस मौके पर संजीव चतुर्वेदी ने कहा कि यह प्रतिष्ठित सम्मान एशिया में ईमानदार और गंभीर सिविल सेवकों के लिए 'बड़े पैमाने पर मनोबल बढ़ाने वाला' होगा. उन्होंने
कहा, 'मैं इस पुरस्कार को खुशी से स्वीकार करता हूं. लेकिन एक बड़ी जिम्मेदारी भी महसूस हो रही है है. मैं वादा करता हूं कि पुरस्कार विजेताओं के स्थापित मानकों
पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगा.'
भ्रष्टाचार का खात्मा चाहता है भारत का युवा: चतुर्वेदी
अभी एम्स में उप सचिव चतुर्वेदी ने कहा कि भारत की आबादी का बड़ा हिस्सा 15 से 35 साल के बीच की आयु का है. उन्होंने कहा, 'युवाओं में भ्रष्टाचार का खात्मा,
शासन और लोक सेवा की पारदर्शी और समान प्रणाली की चाहत है.'
एम्स घोटाले के खिलाफ संजीव चतुर्वेदी ने उठाई थी आवाज
भारतीय वन सेवा के अधिकारी चतुर्वेदी ने मुख्य सतर्कता अधिकारी पद से हटाए जाने के पहले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली में कथित घोटालों
की जांच शुरू की थी.
गरीबी सबसे बड़ी आपदा है: अंशु गुप्ता
मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित अंशु गुप्ता का स्वयंसेवी समूह गरीबों को कपड़े और महिलाओं को किफायती सैनिटरी पैड मुहैया कराता है. अंशु गुप्ता ने साल 1999 में
27 साल की उम्र में 'गूंज' संस्था शुरू की. इसके लिए उन्हें अपनी कॉपोरेट नौकरी छोड़ दी. मौके पर उन्होंने कहा कि यह सम्मान 'हल्के में लिए जाने वाले, कई गैर मुद्दों'
और ऐसे व्यवहार्य समाधानों की पहचान है जो हमारे बीच मौजूद हैं.' गरीबी को 'सबसे बड़ी आपदा' करार देते हुए गुप्ता ने कहा कि यह समय विकास एजेंडा और नीतियां
थोपने का नहीं है बल्कि उन लोगों की बातें सुनने का है जो इन फैसलों से प्रभावित होते हैं.
फिलीपीन के राष्ट्रपति ने किया सम्मानित
फिलीपीन के राष्ट्रपति बेनिग्नो सिमोन कोजुआंग्को एक्विनो तृतीय ने उन्हें स्वर्ण पदक और 30 हजार डॉलर की राशि दी.
एशिया का नोबेल पुरस्कार माना जाने वाला मैगसेसे पुरस्कार इस बार कोमाली चांनथावोंग (लाओस), लिगाया फर्नांडो (फिलीपीन) और केथू (म्यामार) को भी दिया गया है.
भाषा से इनपुट