किन्नर अगर मतदाता सूची में महिला या पुरूष के रूप में अपना उल्लेख नहीं करना चाहेंगे तो वे अब खुद को ‘अन्य’ के कालम में रख सकेंगे.
चुनाव आयोग ने गुरुवार को नई दिल्ली में यह जानकारी दी. विभिन्न व्यक्तियों और समूहों द्वारा दिये गये ज्ञापन के बाद चुनाव आयोग ने यह निर्णय किया है. ज्ञापन में आयोग से मांग की गई थी कि किन्नरों को स्वतंत्र पहचान के रूप में मतदाता सूची में शामिल किया जाना चाहिए.
आयोग की एक विज्ञप्ति के अनुसार आयोग ने अनुरोधों पर विचार करने के बाद किन्नरों और ट्रांससेक्सुअलों को इस बात की इजाजत देने का निर्णय किया है कि अगर वे अपने नाम का उल्लेख पुरूष या महिला के रूप में नहीं करना चाहे तो अपना लिंग बताने के लिए ‘अन्य’ के रूप में अपने को दर्ज करा सकते हैं.
मतदाता सूची के अलावा चुनाव आयोग द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले ऐसे अन्य दूसरे फामो’ के लिये भी यह निर्णय लागू होगा जहां लिंग का उललेख करने का प्रावधान है. आयोग ने इस संबंध में जरूरी निर्देश सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के जरिये चुनाव पंजीकरण अधिकारियों तक भेज दिया है.
अब तक किन्नरों के नाम को संबंधित व्यक्ति के बयान के आधार पर मतदाता सूची में महिला या पुरूष के रूप में पंजीकृत किया जाता था.