वकालत से राजनीति के मैदान में आए कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री डीवी सदानंद गौड़ा राज्य में भाजपा के संकट मोचक रहे हैं. प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ पार्टी के भीतर दो बार उपजे असंतोष को शांत कर बीएस येदियुरप्पा नीत सरकार को बचाने का पुरस्कार डीवी सदानंद गौड़ा को अब जाकर मिल रहा है.
सदानंद गौड़ा होंगे कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री
येदियुरप्पा के साथ निकटता और उनका विश्वासपात्र होने का अप्रत्याशित लाभ 58 वर्षीय देवरागुंडा वेंकटप्पा सदानंद गौड़ा को मिला है. भाजपा के गलियारे में प्रेम से ‘डीवीएस’ के नाम से पुकारे जाने वाले सदानंद गौड़ा को गुप्त मतदान के जरिए पार्टी विधायक दल का नेता चुना गया.
विधि स्नातक गौड़ा राजनीति में आने से पहले लोक अभियोजक भी रहे हैं. वे फिलहाल उडूपी चिकमंगलूर सीट से भाजपा सांसद हैं. वे अनुभवी नेता और पार्टी के संकट मोचक हैं.
लोकायुक्त की रिपोर्ट में अवैध खनन घोटाले में आरोपित किए जाने के बाद येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री के पद से जाना पड़ा, लेकिन गौड़ा को अपना उत्तराधिकारी बनाने के लिए उन्होंने काफी मशक्कत की. इससे येदियुरप्पा के कटु प्रतिद्वंद्वी एचएन अनंत कुमार, जगदीश शेट्टर और पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष के एस ईश्वरप्पा को निराश होना पड़ा.
विज्ञान में स्नातक गौड़ा ने कुछ समय के लिए वकालत की. इसके बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और जन संघ के जरिए राजनीति में आए.
गौड़ा 2006 में भाजपा की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बने. वे 2007 में दोबारा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चुने गए. साल 2008 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को राज्य की सत्ता में लाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
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