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कौन हैं अशोक खेमका?

हरियाणा सरकार पर उत्पीड़न का आरोप  लगाने वाले अशोक खेमका, 1991 बैच के आईएस अधिकारी हैं. 21 साल की नौकरी में 40 बार उनका तबादला हो चुका है. इस बार उनका तबादला बीज निगम में किया गया है जहां जूनियर अफ़सरों को भेजा जाता है.

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अशोक खेमका
अशोक खेमका

हरियाणा सरकार पर उत्पीड़न का आरोप  लगाने वाले अशोक खेमका, 1991 बैच के आईएस अधिकारी हैं. 21 साल की नौकरी में 40 बार उनका तबादला हो चुका है. इस बार उनका तबादला बीज निगम में किया गया है जहां जूनियर अफसरों को भेजा जाता है.

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खेमका कहते हैं कि सरकार किसी भी पार्टी की रही हो, उन्हें हर बार अपनी ईमानदारी की सजा भुगतनी पड़ी क्योंकि वे लगातार घपलों और घोटालों का पर्दाफाश करते रहे हैं. वे किसानों के हक में काफी काम किया.

खुलासों से नेताओं की गर्दन फंस सकती थी
हाल ही में गुड़गांव के कई गावों की पंचायती जमीन को बिल्डरों के हाथ में जाने से बचाया. खेमका ने बिल्डरों की मदद करने वाले अफसरों के ख़िलाफ कार्रवाई की सिफारिश की थी. लेकिन हरियाणा सरकार ने आरोपी अफसरों पर कार्रवाई करने की जगह, खेमका का ट्रांसफर कर दिया.

अशोक खेमका का दावा है कि उनके खुलासों से कई अफसरों और नेताओं की गर्दन फंस सकती है, इसलिए राज्य सरकार ने उनकी रिपोर्ट को रद्दी की टोकरी में डाल दिया और उन्हें जमीन रिकॉर्ड विभाग से हटाकर बीज निगम में भेज दिया.

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अपनी ईमानदारी और भ्रष्टाचार विरोधी तेवर की वजह से ही अशोक खेमका हरियाणा में काफी लोकप्रिय हैं. साल 2004 में उन्होंने मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला तक का आदेश मानने से इंकार कर दिया था, जब सरकार ने कई शिक्षकों का सत्र के बीच में ही तबादला किया था.

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