डॉक्टर कफील 2017 में गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में 60 बच्चों की मौत के बाद सुर्खियों में आए थे.
जाने कौन हैं डॉक्टर कफील खान?
गोरखपुर का बीआरडी मेडिकल कॉलेज साल 2017 में अचानक सुर्खियों में आया था. 2017 में बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मासूम बच्चों की मौतों ने हर किसी को झकझोर दिया था. इस घटना में 60 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई थी.
यह भी पढ़ें: डॉ. कफील की गिरफ्तारी के लिए क्यों लगानी पड़ी STF? यूपी डीजीपी ने दिया ये जवाब
मामला सामने आने के बाद कंपनी की ओर से यह दलील दी गई थी कि पिछले कई महीने से भुगतान नहीं मिलने के चलते ऑक्सीजन के सिलेंडर की सप्लाई बंद करनी पड़ी थी. इस केस में आरोपी डॉ. कफील को यूपी एसटीएफ ने लखनऊ से गिरफ्तार किया था. वह घटना के बाद से फरार चल रहे थे. कफील बीआरडी अस्पताल में वॉर्ड सुपरिंटेंडेंट थे.
6 धाराओं के तहत दर्ज हुआ था केस
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर प्रदेश सरकार ने गोरखपुर में बाबा राघवदास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत के मामले में लखनऊ के हजरतगंज थाने में मामला दर्ज किया था. उनके खिलाफ IPC की धारा 420, 308, 120 B, भ्रष्टाचार निवारण अधीनियम, इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट की धारा 15 समेत छह धाराओं में दर्ज किया गया था.
प्रमुख सचिव खनिज और भूतत्व विभाग की अगुवाई में हुई जांच के बाद डॉक्टर कफील पर लगाए गए आरोपों में सच्चाई नहीं पाई गई थी. रिपोर्ट के मुताबिक, कफील ने घटना की रात बच्चों को बचाने की पूरी कोशिश की थी.
यह भी पढ़ें: UP: प्रमुख सचिव बोले- डॉक्टर कफील को किसी भी मामले में नहीं मिली क्लीनचिट
इस तरह डॉ. कफील पर लगाए गए सभी आरोप गलत पाए गए. जांच की रिपोर्ट बीआरडी अधिकारियों ने कफील को दी. सितंबर 2019 में गोरखपुर ऑक्सीजन कांड में निलंबित डॉक्टर कफील खान को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया था.
क्या था कफील खान का CAA पर हालिया विवादित बयान?
कफील खान ने पुलिस में दर्ज एफआईआर के मुताबिक कहा था कि 'मोटा भाई' हर किसी को हिंदू या मुस्लिम बनना सिखा रहा है, लेकिन एक इंसान नहीं. आरएसएस के अस्तित्व में आने के बाद से वह संविधान में विश्वास नहीं करता. सीएए मुसलमानों को दूसरी श्रेणी का नागरिक बनाता है और बाद में उन्हें एनआरसी के कार्यान्वयन के साथ परेशान किया जाएगा.
यह भी पढ़ें: 60 बच्चों के नरसंहार के दोषियों को बचाने के लिए मुझे बनाया बलि का बकरा: कफील खान
उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने मुंबई से बुधवार को डॉ. कफील को गिरफ्तार कर लिया है. एसटीएफ अधिकारियों के मुताबिक काफिल खान ने 12 दिसंबर 2019 को राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ पर कीचड़ उछालने संबंधित भड़काऊ भाषण भी दिया था. उस वक्त मौके पर स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव भी उसके साथ मौजूद थे.
बीजेपी सरकार के खिलाफ रहे हैं हमलावर
डॉक्टर कफील खान बीजेपी सरकार के खिलाफ हमलावर रहे हैं. कफील खान नागरिकता कानून को लेकर लगातार रैलियां कर रहे हैं. बिहार में भी नागरिकता कानून के खिलाफ उन्होंने रैली की थी, साथ ही शाहीन बाग में चल रहे विरोध प्रदर्शनों को भी समर्थन दिया है. आरोपों के बाद से ही लगातार वे योगी सरकार पर भी सवाल खड़े करते हैं.