अयोध्या मामले पर फैसला आने के बाद अधिकांश लोगों ने फैसले पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि कोई भी इसे अपनी विजय या पराजय ना समझें.
कांग्रेस के नेता राशिद अल्वी ने फैसले पर संतोष जताते हुए कहा कि जो काम सियासतदान नहीं कर सके वो अब अदालत ने कर दिखाया है और सभी को चाहिए कि वो अदालत के फैसले का सम्मान करे. उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि जो इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं वो सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं.
याचिकाकर्ता हाशिम अंसारी ने कहा कि उन्हें अदालत का फैसला मंजूर और इसके विषय में आगे कुछ भी फैसला वक्फ बोर्ड करेगा. उन्होंने मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि इस फैसले पर अफसोस जाहिर करने की जरूरत नहीं है और अगर किसी को इस फैसले से अफसोस है तो वह अपना अफसोस बंद कमरे में जाहिर करें.
सर संघ चालक मोहन भागवत ने इस फैसले पर संतोष जताते हुए कहा कि इस फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि इसे किसी को भी अपनी जीत या हार के रूप में नहीं देखना चाहिए. भागवत ने अपील की शांति बनाए रखें और अभी तक जो कटुता उत्पन्न हुई है उसे भुलाकर राष्ट्र के प्रतीक के रूप में राम मंदिर के निर्माण में सहयोग करें. भागवत ने मुस्लिमों समेत सभी से अपील की कि पुरानी बातों को भूलकर एकता का प्रदर्शन करें और मंदिर निर्माण में सहयोग करें.
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने फैसले को लेकर ज्यादा टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि जब तक वो पूरा फैसला नहीं देखेंगे तब तक कुछ नहीं बोल सकते. उन्होंने भी कहा कि लोग शांति बनाए रखें और जो असंतुष्ट हैं वो सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं.