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सोनिया गांधी के साथ अरविंद केजरीवाल का चाय पीने का मन क्यों नहीं करता: अमित शाह

चुनावी सीजन में सियासी माहौल गरम है. सभी पार्टी के नेता एक-दूसरे पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं चूक रहे. कुछ ऐसा ही नजारा इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के मंच पर भी देखने को मिला जब बीजेपी नेता अमित शाह, कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह और आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया साथ आए.

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इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2014 में अमित शाह
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2014 में अमित शाह

चुनावी सीजन में सियासी माहौल गरम है. सभी पार्टी के नेता एक-दूसरे पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं चूक रहे. कुछ ऐसा ही नजारा इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के मंच पर भी देखने को मिला जब बीजेपी नेता अमित शाह, कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह और आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया साथ आए.

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इस सत्र में AAP के गुजरात दौरे और मोदी से अरविंद केजरीवाल की मुलाकात को लेकर चले ड्रामे पर अमित शाह ने चुटकी लेते हुए कहा, 'मनीष सिसोदिया को गुजरात को देखकर रोना आ रहा है. कभी इन्होंने 2जी का हिसाब सोनिया गांधी से लिया? पूरा कोयला खा गए पर उनसे हिसाब क्यों नहीं लिया? मैं पूछना चाहता हूं कि अरविंद केजरीवाल को कभी सोनिया गांधी के साथ चाय पीने का मन क्यों नहीं करता? कांग्रेस एक वोटकटवा पार्टी लेकर आई है.'

'स्पेशल इकॉनिमिक जोनः उत्तर प्रदेश जीतो, जीतो भारत' सत्र की दूसरी अहम बात यह रही है कि अमित शाह के अरविंद केजरीवाल के गुजरात से चुनाव लड़ने की चुनौती को आम आदमी पार्टी ने स्वीकार कर लिया है. अमित शाह ने चुनौती भरे स्वर में कहा कि AAP वालों को लगता है कि गुजरात में विकास नहीं हुआ तो केजरीवाल वहीं से मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ लें.' इस पर मनीष सिसोदिया का जवाब था, 'मोदी जहां से चुनाव लड़ेंगे केजरीवाल वहीं से चुनाव लड़ेंगे.'

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सत्र की शुरुआत में दिग्विजय सिंह ने कहा, 'यूपी में 80 लोकसभा सीटे हैं. यह सही है कि यूपी जीता तो हिंदुस्तान जीत लिया. हमलोगों ने तैयारी कर ली है. चुनावी युद्ध में आजमाएंगे अमित शाह जी को और AAP को. 2004 में भी आपने हमें हरा दिया, 2009 में भी ऐसा ही किया. दोनों बार हमनें मीडिया के सर्वे को गलत साबित किया. 2014 में भी ऐसा ही करेंगे.'

अमित शाह ने कहा, 'मुझे यूपी इसलिए भेजा क्योंकि मेरा पास ज्यादा समय है. राजनाथ सिंह ने शायद इसी वजह से मुझे वहां भेजा. पहले मैं सिर्फ गुजरात में काम करता था. महासचिव बनाए जाने के बाद शायद पार्टी को लगा होगा कि मैं इस काम के लिए उपयुक्त हूं. इसलिए ये जिम्मेदारी मिली. नरेंद्र मोदी का कोई गेम प्लान नहीं है. वाजपेयी जी कहा करते थे कि दिल्ली का रास्ता लखनऊ से होकर गुजरता है. इस बार यह सही साबित होगा.'

इस मुद्दे पर मनीष सिसोदिया ने कहा, 'उत्तर प्रदेश जीतना, महाराष्ट्र जीतना. जीतना क्या है. राजशाही थोड़ी स्थापित करनी है. ये लड़ाई भ्रष्टाचार, महंगाई और लूट के खिलाफ है. कन्याकुमारी हो या फिर गुजरात, सब जगह के लोगों को लड़ना होगा. वरना हिंदुस्तान हार जाएगा. हमारी पार्टी को यूपी में अच्छा रिस्पॉस मिल रहा है. मुझे उम्मीद है कि पूरे देश में भी ऐसा ही होगा.'

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दिग्विजय सिंह ने कहा, हमारी लड़ाई विचारधारा के आधार पर होती है. 2009 से 2014 के बीच जितने विधानसभा चुनाव हुए हमने अधिकांश में अपनी सरकार बनाई. भले ही पिछले चुनाव नहीं जीत पाए पर ऐसा 2003 में भी हुआ था. लोकसभा और विधानसभा के मुद्दे अलग होते हैं. नतीजें बेहतर आएंगे. पूरा विश्वास है.'

अमित शाह ने कहा, पूरे देश में जनता का रुझान नरेंद्र मोदी के प्रति है. 10 साल तक यूपीए के कुशासन से लोग परेशान हैं. विकास दर, महंगाई और भ्रष्टाचार से लोग परेशान है. इन मुद्दों को लेकर जनता को मोदी जी में उम्मीद दिखती है. पिछले 12 साल से हम गुजरात में सरकार चला रहे हैं. एक बेहतरीन राज्य बनाने की कोशिश कर रहे है. बहुत हद तक सफल भी रहे है. जैसे ही मोदी जी को पीएम उम्मीदवार घोषित किया गया. लोग उनकी तरफ उम्मीद भरी निगाह से देख रहे हैं.'

दिग्विजय सिंह ने कहा, 'क्या है गुजरात का विकास मॉडल? देश में कोई ऐसा राज्य है, जहां के 32 पुलिस अधिकारी जेल में हों. जहां पर कैबिनेट मंत्री को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी करार दिया गया हो. मोदी जी ने गुजरात को कर्ज में डुबो दिया, और कहते हैं कि मैं देश का कर्ज उतारना चाहता हूं.'

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दिग्विजय सिंह के इन सवालों पर अमित शाह ने कहा, 'गलत बात कर रहे हैं गुजरात के बारे में. कांग्रेस ने दुर्भावना में हमारे खिलाफ केस करवाएंगे. अगर किसी को गुजरात के बारे में जानना है. तो आकर देखे. हर गांव मे सड़क है, बिजली है, पानी है. किसानों का विकास हो रहा है.'

इस चर्चा में शामिल होते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा, पिछले एक साल से गुजरात के विकास के बड़े-बड़े दावें किए जा रहे हैं. आप अहमदाबाद से बाहर निकलो, महसाने में स्कूल में कोई व्यवस्था नहीं है. स्कूलों में महिलाओं के लिए शौचालय नहीं है. 50 से 150 किलोमीटर मे कॉलेज मिले. एक कॉलेज में 618 बच्चे थे और शिक्षक सिर्फ तीन. यही है इनका विकास.'

आतंकवाद के मुद्दे पर अमित शाह ने कहा, 'बार-बार कांग्रेस वाले यह कहते हैं कि हमनें कांधार जाकर तीन आतंकियों को छोड़ा. हम पर कायर होने का आरोप लगाया जाता है. हम कायर नहीं है. सच तो यह है कि 300 लोगों की जान हमारे लिए ज्यादा अहम थी. इसलिए हमनें आतंकियों को छोड़ा.'

मनीष सिसोदिया ने कहा, 'हम विकास देखने गए. विकास देखकर दिल डूब गया. सोचा देश को बताएं. मुख्यमंत्री से मिलने का वक्त मांगा. दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री गया था. पर मिलने नहीं दिया गया.'

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इसके जवाब में अमित शाह ने कहा, 'मनीष सिसोदिया को गुजरात को देखकर रोना आ रहा है. मैं पूछना चाहता हूं कि अरविंद केजरीवाल को कभी सोनिया गांधी के साथ चाय पीने का मन क्यों नहीं करता? पूरा कोयला खा गए पर उनसे हिसाब क्यों नहीं लिया. कभी 2जी का हिसाब AAP ने सोनिया गांधी से लिया? कांग्रेस एक वोटकटवा पार्टी लेकर आई है. सच तो यह है कि जनता को जवाब देना न पड़े इसलिए केजरीवाल सरकार छोड़कर भाग गए. ये लोग मोदी को बार-बार चुनौती देते हैं. कभी सोनिया गांधी को चुनौती क्यों नहीं दी. अगर इन्हें लगता है कि गुजरात में विकास नहीं हुआ तो केजरीवाल वहीं से मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ लें.' इसके जवाब में मनीष सिसोदिया ने कहा, 'मोदी जहां से चुनाव लड़ेंगे केजरीवाल वहीं से चुनाव लड़ेंगे.'

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