भाजपा ने वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के इस तर्क को बेतुका बताया कि भोपाल गैस त्रासदी से उत्पन्न तत्काल स्थिति के कारण यूनियन कार्बाइड के तत्कालीन प्रमुख वारेन एंडरसन को देश से बाहर भेजने का फैसला किया गया.
भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने यहां कहा, ‘‘प्रणव की इस दलील को मान भी लिया जाए कि एंडरसन को कानून व्यस्था की स्थिति के कारण भोपाल से बाहर लाने की जरूरत थी, लेकिन सवाल यह पैदा होता है कि उसे भारत से ही बाहर भगा देने की क्या आवश्यकता पड़ी.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस शासन ने पूरे मामले में यूनियन कार्बाइड और अमेरिका के ‘‘दलाल’’ के रूप में काम किया है जिसे कभी माफ नहीं किया जा सकता.
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने इसके पहले कहा था कि अर्जुन सिंह ने कानून व्यवस्था की स्थिति को ध्यान में रखते हुए यूनियन कार्बाइड के तत्कालीन सीईओ को बाहर भेजने का फैसला किया था.
उन्होंने कहा, ‘‘ भोपाल त्रासदी के पांच दिन बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में सिंह का दिया गया बयान एक समाचार पत्र में प्रकाशित हुआ था.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अर्जुन सिंह का बयान आठ दिसंबर, 1984 को टाइम्स आफ इंडिया में प्रकाशित हुआ था. उनके बयान से स्पष्ट है कि भोपाल में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो सकती थी और लोगों में काफी नाराजगी थी. इसके मद्देनजर यह सोचा गया कि एंडसरन को भोपाल से बाहर भेजना अनिवार्य है ’’