देश में सोमवार को 7.7 की तीव्रता का भूकंप आया. उधर, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में भी भूकंप से भारी तबाही हुई है. हालांकि देश में किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन भारत का एक बड़ा हिस्सा भूकंप के लिहाज से काफी संवेदनशील है. उत्तर भारत और पूर्वोत्तर भारत का ज्यादातर हिस्सा भूकंप के मामले में काफी खतरनाक माना जाता है. यहां भूकंप आने की वजह हिमालय है. हिमालय में चल रही भूगर्भीय हलचलें भूकंप आने का एक बड़ा कारण हैं.
यह है प्लेट टेक्टॉनिक थ्योरी
प्लेट टेक्टॉनिक की थ्योरी के मुताबिक हिमालय के क्षेत्र में भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट के बीच टकराव चल रहा है. भारतीय प्लेट यूरेशियन प्लेट के नीचे घुस रही है और इस वजह से इस इलाके में भूकंप आते रहते हैं . हिमालय के ऊंचे-ऊंचे पहाड़ इसी टक्कर का नतीजा हैं.
भारतीय प्लेट हर साल जाती है नीचे
भारतीय प्लेट हर साल 40 से 50 मिलीमीटर यूरेशियन प्लेट के नीचे घुस जाती है. यही वजह है कि हिमालय भूकंप के लिहाज से दुनिया के सबसे सक्रिय इलाकों में है. दो प्लेटों में चल रही टक्कर पश्चिम में पाकिस्तान की सुलेमान रेंज से लेकर पूर्वोत्तर भारत में भारत-बर्मा रेंज है.
उत्तर भारत में इसलिए आए भूकंप
भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट की टक्कर का इलाका सिंधु और ब्रह्मपुत्र नदियों का क्षेत्र है. इन दोनों नदियों के दक्षिण में स्थित हिमालय की ऊंची चोटियां हमेशा भूकंप से हिलती रही हैं. इस वजह उत्तर भारत में बड़े-बड़े भूकंप आए हैं.
...और कुछ बड़े भूकंप
ये इलाके सबसे ज्यादा खतरनाक
सिस्मिक जोन-5: यानी भूकंप के लिहाज से सबसे खतरनाक इलाका. जोन-5 का मतलब है कि यहां 8.0 की तीव्रता से ज्यादा का भूकंप आ सकता है. इस जोन में देश का पूरा उत्तर-पूर्व का इलाका, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के इलाके, गुजरात का कच्छ, उत्तर बिहार और अंडमान निकोबार द्वीप आता है.
सिस्मिक जोन-4
ये भी काफी खतरनाक है. यहां 7.0 से 7.9 की तीव्रता तक के भूकंप आ सकते हैं. इस जोन में दिल्ली-एनसीआर समेत, जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के कुछ इलाके, सिक्कम, यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल का उत्तरी क्षेत्र, गुजरात का कुछ हिस्सा और पश्चिमी तट से सटा महाराष्ट्र और राजस्थान का इलाका आता है.
सिस्मिक जोन-3
जोन-3 को भूकंप के लिहाज से मध्यम खतरे वाला माना जाता है. इस जोन में केरल, गोवा, लक्षद्वीप, यूपी, गुजरात और पश्चिम बंगाल के बचे हुए इलाकों सहित पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक के इलाके आते हैं.
यानी कोई जगह नहीं महफूज
देश की बाकी जगहें सिस्मिक जोन-2 में आती हैं. ये भूकंप के लिहाज से कम खतरनाक हैं. यहां 4.9 की तीव्रता से ज्यादा का भूकंप आने का खतरा नहीं है. यानी देश का ऐसा कोई भी इलाका नहीं है, जिसे भूकंप के लिहाज से पूरी तरह सुरक्षित कहा जा सके.