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प्रीत रही है रीत, फिर भी इसलिए है गुस्‍सा...

पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री की अजमेर यात्रा को लेकर विरोध के सुर तेज होते जा रहे हैं. विरोध के तौर-तरीके और सुर में भले ही कुछ अलगाव दिखे, पर सार एक ही है कि दुश्‍मन जैसा बर्ताव करने वाले पड़ोसी मुल्‍क के प्रधानमंत्री का स्‍वागत क्‍यों?

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दरगाह के दीवान
दरगाह के दीवान

पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री की अजमेर यात्रा को लेकर विरोध के सुर तेज होते जा रहे हैं. विरोध के तौर-तरीके और सुर में भले ही कुछ अलगाव दिखे, पर सार एक ही है कि दुश्‍मन जैसा बर्ताव करने वाले पड़ोसी मुल्‍क के प्रधानमंत्री का स्‍वागत क्‍यों?

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भारतीय सैनिकों का सिर कलम करने से बिगड़ा माहौल
पाकिस्तानी सेना द्वारा हाल ही में भारतीय सैनिकों को मार डालने और उनका सिर कलम कर देने की घटना के विरोध में देश के लोगों का गुस्‍सा फूटकर सामने आ रहा है. जयपुर के स्थानीय वकील और अजमेर दरगाह मार्केट एसोसिएशन से जुड़े लोग पाकिस्तान के प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ की यात्रा के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल हो गए हैं.

नाराज हैं दरगाह के दीवान
एक दिन पहले ही अजमेर शरीफ दरगाह के दीवान जैनुल आबदीन अली खान कह चुके हैं कि वे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के दौरे का बहिष्कार करेंगे. अजमेर शरीफ दरगाह के दीवान ने कहा था कि वे पाकिस्तानी सेना द्वारा भारतीय सैनिकों को मार डालने और उनका सिर कलम करने की हालिया घटना के विरोध में अशरफ के दौरे का बहिष्कार करेंगे.

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दरगाह के दीवान की भूमिका क्‍या?
दरगाह के दीवान सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के वंशज हैं और किसी राष्ट्रप्रमुख के दरगाह आने पर वह परंपरागत रूप से स्वागत के लिए मौजूद रहते हैं.

दरगाह मार्केट एसोसिएशन भी खफा
दरगाह मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष जोधा टेकचंदानी ने कहा, ‘सुरक्षा संबंधी कारणों से अतिविशिष्ट हस्तियों के दौरे के समय बाजार बंद रहता है, लेकिन इस बार हम जिला प्रशासन द्वारा तय समय से पहले, अपनी मर्जी से दुकानें बंद कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘यह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के दौरे के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए है.’

तैश में अजमेर बार एसोसिएशन
अजमेर बार एसोसिएशन के एक प्रतिनिधि राजेश टंडन ने कहा कि जिन सड़कों से अशरफ का काफिला गुजरेगा, उन सड़कों को काफिले के गुरजने के बाद पानी से धोया जाएगा, क्योंकि उनके गुजरने से जमीन ‘अपवित्र’ हो जाएगी. उन्होंने कहा, ‘विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद अशरफ के लिए दोपहर भोज आयोजित कर रहे हैं जो कि शर्मनाक है. उन्हें इस तरह उनका स्वागत नहीं करना चाहिए. यह भारतीयों और शहीदों के परिवारों की भावनाओं का अपमान है.’ खान ने कहा कि बहिष्कार पाकिस्तानी सेना द्वारा भारतीय सैनिकों को मारे जाने के विरोध में है.

पाकिस्‍तान ने भावनाओं को ठेस पहुंचाई
उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान ने हमारी भावनाओं को ठेस पहुंचाई और भारत के विरोध जताने के बावजूद दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की.’ उन्होंने कहा, ‘ऐसे समय पर, जबकि दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है और वह भी पाकिस्तान के कारण, तो यह आम राय है कि पाकिस्तान को भारत सरकार से, हमारी सेना से, शहीदों के परिजनों से और सभी नागरिकों से माफी मांगनी चाहिए तथा इसके बाद प्रधानमंत्री को जियारत के लिए आना चाहिए.’

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उन्होंने कहा ‘कोई माफी नहीं, कोई कार्रवाई नहीं,  तो हम यहां पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की उपस्थिति को कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं? मैं देश के नागरिकों और शहीदों के परिजनों की इस मांग से सहमत हूं कि पाकिस्तान को शहीद भारतीय सैनिक का सिर पूरे सम्मान के साथ भारत सरकार के हवाले करना चाहिए और फिर वहां के शीर्ष प्रतिनिधि कोई दौरा करें.’

खादिम समुदाय स्‍वागत को तैयार
बहरहाल, खादिम समुदाय प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करने के लिए तैयार है. उनका कहना है कि दरगाह के दीवान के विरोध से परवेज की यात्रा संबंधी आयोजनों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. खादिम बिलाल चिश्ती अशरफ के लिए जियारत करेंगे. उन्होंने कहा, ‘एक राष्ट्रप्रमुख की यात्रा के दौरान जियारत या अन्य मजहबी आयोजन में दीवान का कोई दखल नहीं है, इसलिए उनके बहिष्कार का भी कोई असर नहीं पड़ेगा. पवित्र दरगाह सबके लिए खुला है और दौरे का विरोध नहीं किया जाना चाहिए.’ एक अन्य खादिम जुल्फिकार चिश्ती ने कहा कि दौरे का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘हर जाति, संप्रदाय और क्षेत्र के लोग दरगाह आते हैं. यह एक मजहबी मामला है और इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए.’ दरगाह के मुख्य द्वार पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की अगवानी खादिम अंजुमन कमेटी के प्रतिनिधि तथा निजाम द्वार पर सरकारी निकाय दरगाह समिति के प्रतिनिधि करेंगे.

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सुरक्षा के कड़े इंतजाम
अशरफ के दौरे के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और 1000 से अधिक पुलिस कर्मी हेलीपैड से लेकर दरगाह तक पूरे इलाके में तैनात हैं. पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल में शामिल अशरफ के संबंधी और दूतावास के अधिकारी जयपुर से हेलीकॉप्टरों से शहर के बाहरी हिस्से में स्थित हेलीपैड पर दोपहर तीन बज कर करीब 35 मिनट पर पहुंचेंगे और फिर सड़क मार्ग से दरगाह जाएंगे.

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