बीजेपी गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को साफ छवि वाले नेता की तरह प्रोजेक्ट करती है, पर लोकायुक्त विवाद को लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर मोदी की ईमानदारी सवाल उठाए हैं.
ताजा हमला बोला है पार्टी के महासचिव दिग्विजय सिंह ने. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर मोदी की ईमानदारी पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा है कि अगर वे ईमानदार हैं तो लोकायुक्त से क्यों डरते हैं? मोदी ने लोकायुक्त की नियुक्ति को रोकने के लिए 45 करोड़ रुपये खर्चे. जब से वे सत्ता में आएं हैं तब से गुजरात में कोई लोकायुक्त नहीं बना. गुजरात में भ्रष्टाचार के खिलाफ कहां पर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है.
मोदी पर हमला बोलने के बाद दिग्विजय सिंह ने उनके समर्थकों पर भी चुटकी ली. उन्होंने कहा कि अपनी बातों पर मोदी सर्मथर्कों की प्रतिक्रिया जानना चाहूंगा. मुझे पता है आप मुझपर अभद्र टिप्पणियां करोगे.
क्या है दिग्विजय सिंह का ट्वीट
1. जस्टिस मेहता ने गुजरात का लोकायुक्त बनने से इनकार करते हुए बताया कि 'गुजरात सरकार ने उनकी छवि खराब की'. नरेंद्र मोदी लोकायुक्त से क्यों डरते हैं?
2. जस्टिस मेहता की नियुक्ति को रोकने के लिए गुजरात सरकार ने कानूनी लड़ाई पर 45 करोड़ रुपये खर्चे. अगर मोदी ईमानदार हैं तो उन्हें किस बात का डर है?
3. जबसे मोदी सत्ता में आएं हैं, गुजरात में लोकायुक्त नहीं बना. गुजरात में कोई ऐसा संस्थान है जहां भ्रष्टाचार के मामलों को उठाया जा सकता है.
4. इस पर मोदी समर्थकों की प्रतिक्रिया जानना चाहूंगा. मैं जानता हूं मुझे क्या मिलेगा. अभद्र टिप्पणियां.
गौरतलब है कि गुजरात के लोकायुक्त के तौर पर आर. ए. मेहता की नियुक्ति पर पैदा हुए विवाद में उस वक्त मोड़ आ गया, जब रिटायर्ड जस्टिस ने पद संभालने से मना कर दिया. उन्होंने अपनी नियुक्ति के खिलाफ राज्य सरकार की लंबी और खर्चीली कानूनी लड़ाई को अपने फैसले की वजहों में से एक बताया था.
जस्टिस मेहता ने राज्यपाल कमला बेनीवाल और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र में सात वजहों का जिक्र किया था, 'जिनके आधार पर वह खुद को लोकायुक्त पद के लिए तैयार नहीं कर पा रहे हैं.'