शीना बोरा मर्डर केस की जांच कर रहे राकेश मारिया से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस नाखुश थे. सूत्रों के हवाले से यह बात सामने आई है. कहा जा रहा है कि इसी वजह से उन्हें समय से पहले प्रमोशन देकर मुंबई पुलिस कमिश्नर से डीजी (होमगार्ड) बना दिया गया.
दरअसल, शुरुआती स्टेज पर केस में मारिया के निजी तौर पर दिलचस्पी लेने से कोई दिक्कत नहीं थी. आम तौर पर ऐसे जटिल मामलों की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी जाती है. लेकिन शीना केस में ऐसा नहीं हुआ.
इससे थी गलत संदेश जाने की आशंका
26/11 से लेकर नीरज ग्रोवर केस तक की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई. लेकिन शीना बोरा केस
में जॉइंट पुलिस कमिश्नर (क्राइम) को दूर रखा गया. केस क्राइम ब्रांच को
दिया ही नहीं गया. सूत्रों के मुताबिक इससे पुलिस महकमे और लोगों में गलत संदेश जाने की आशंका थी.
पहले शामिल नहीं रहे टॉप कॉप
इससे पहले दाहोलकर और पणसरे जैसे हाईप्रोफाइल केस की जांच में मारिया की तरह कभी कोई टॉप कॉप शामिल नहीं रहे.
मारिया की निगरानी से होगी यह परेशानी
सूत्रों के मुताबिक अब लोकल पुलिस को परेशानी होगी कि उन्हें मुंबई पुलिस कमिश्नर के साथ-साथ मारिया को भी रिपोर्ट करना पड़ेगा. इससे दो-दो लोगों को रिपोर्ट करने का मसला उठ सकता है.