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मिर्जा गालिब को मिले भारत रत्न: मार्कंडेय काटजू

भारतीय प्रेस परिषद् के अध्यक्ष मार्कंडेय काटजू ने कहा है कि उर्दू और फारसी के चर्चित शायर मिर्जा गालिब को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया जाना चाहिये.

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मार्कंडेय काटजू
मार्कंडेय काटजू

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भारतीय प्रेस परिषद् के अध्यक्ष मार्कंडेय काटजू ने कहा है कि उर्दू और फारसी के चर्चित शायर मिर्जा गालिब को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया जाना चाहिये.

राजधानी में आयोजित उर्दू मुशायरा सम्मेलन ‘जश्न-ए-बहार’ के 15वें संस्करण में काटजू ने कहा, ‘मेरा मानना है कि मिर्जा गालिब को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिये. अगर सरदार वल्लभ भाई पटेल और बी आर आम्बेडकर को निधन के बाद सम्मानित किया जा सकता है, तो गालिब को क्यों नहीं?’ इस कार्यक्रम में भारत, पाकिस्तान, अमेरिका समेत कई अन्य देशों के शायर एवं कवि भी शामिल हुये. केंद्रीय दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने भी इस कार्यक्रम में अपनी दो कवितायें पढ़ीं.

सिब्बल ने कहा, ‘‘उर्दू को अगर प्रसारित किया जाये, तो यह प्रेम और अमन बिखेरेगी. भारत अधूरा रह जायेगा अगर वह उर्दू को अपनी तरक्की में शामिल नहीं करेगा. उर्दू बुद्धिजीवियों की भाषा नहीं है, यह आम आदमी की भाषा है. मेरा मानना है कि अंग्रेजी, हिंदी और उर्दू सभी स्कूलों में पढ़ायी जानी चाहिये. गुगल का उर्दू संस्करण होना चाहिये और मोबाइल फोन में भी उर्दू के अक्षर होने चाहिये.’’

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इस कार्यक्रम में शामिल होने आये विदेशी फनकारों में अमेरिका के मैक्स ब्रूस और जापान के हिरोजी काताओका के अफसानों पर लोगों ने काफी तालियां बजायीं.

शायर एवं राष्ट्रीय उर्दू भाषा संवर्धन परिषद के उपाध्यक्ष वसीम बरेलवी ने कहा, ‘असल में गैर मुस्लिम परिवार उर्दू भाषा के प्रसार की प्रक्रिया में बड़ी मदद कर रहे हैं. अब समय आ गया है कि मुस्लिम परिवार अपने बच्चों को उर्दू सिखायें.’ जश्न-ए-बहार की संस्थापक कामना प्रसाद ने भी इसी तरह के विचार रखे.

उन्होंने कहा, ‘अब समय आ गया है कि हम एकजुट होकर सरकार के समक्ष याचिका रखें कि 5वीं क्लास तक उर्दू की पढ़ायी अनिवार्य कर दी जाये.’ ‘हिंदू युवा वाहिनी’ के एक सदस्य ने पाकिस्तान के शायरों के कार्यक्रम में शामिल होने के विरोध में नारेबाजी भी की. पुलिस उसे आयोजन स्थल से बाहर ले गयी.

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