सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली सरकार से कहा कि वह सांसदों-विधायकों व जजों तक की गाड़ियों पर लगी लालबत्ती व हूटरों को हटवाए. कोर्ट ने साफ किया कि यह लगाने का अधिकार संवैधानिक प्राधिकारों के प्रमुखों के अलावा अन्य किसी को नहीं है.
इसके लिए राज्य सरकार को लिखित आदेश देने की जरूरत नहीं है. यह कानूनी बाध्यता है, जिसका पालन उसे करवाना चाहिए. जस्टिस जीएस सिंघवी और कुरियन जोसेफ की पीठ ने राज्य सरकार से कहा कि अवैध लालबत्ती लगे वाहनों का न सिर्फ चालान किया जाए, बल्कि वाहन भी जब्त करें.
पीठ ने दिल्ली सरकार के वकील सिद्धार्थ लूथरा से कहा कि वह सरकार को इस बारे में बताएं और आश्वस्त करें कि वाहनों से अवैध हूटर और लाल बत्तियां उतरवाएं.
कोर्ट ने कहा कि राज्य में लालबत्ती और हूटर सिर्फ मुख्यमंत्री, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, दिल्ली एरिया के सैन्य कमांडर, विधानसभा स्पीकर, नेता प्रतिपक्ष, कैनिबेट मंत्री, पुलिस, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड के वाहन ही लगा सकते हैं.
सांसद-विधायक, हाईकोर्ट के जज, जिला जज, सरकारी अधिकारी और अन्य प्राधिकरण के लोग वाहन पर ये यंत्र नहीं लगा सकते.