scorecardresearch
 

प्रवासी भारतीय- विदेश, पैसा और जेल

विदेश जाने की ललक. वहां रहकर पैसा कमाने की चाह. अमूमन ये सपना भारत का हर नौजवान देखता है. मगर इसे साकार करना सबके बस की बात नहीं. विदेश जाकर काम करने की प्रक्रिया इतनी कठिन है कि उसकी औपचारकिता पूरी कर पाने में ही लोग हथियार डाल देते हैं. बावजूद इसके भारत के हज़ारों लोग एक सुनहरे भविष्य का सपना लेकर विदेशों में काम करने जाते हैं.

Advertisement
X
खाड़ी देशों में बंद भारतीयों की सुध लेने वाला भी कोई नही होता
खाड़ी देशों में बंद भारतीयों की सुध लेने वाला भी कोई नही होता

विदेश जाने की ललक. वहां रहकर पैसा कमाने की चाह. अमूमन ये सपना भारत का हर नौजवान देखता है. मगर इसे साकार करना सबके बस की बात नहीं. विदेश जाकर काम करने की प्रक्रिया इतनी कठिन है कि उसकी औपचारकिता पूरी कर पाने में ही लोग हथियार डाल देते हैं. बावजूद इसके भारत के हज़ारों लोग एक सुनहरे भविष्य का सपना लेकर विदेशों में काम करने जाते हैं.

यूरोप और अमेरिका में काम के लिए वीजा पाना टेढ़ी खीर है. लेकिन खाड़ी देशों में दक्षिण एशियाई देशों के लोगों को काम मिलने में आसानी रहती है. यही वजह है कि भारत से हजारों की संख्या में लोग काम करने के लिए खाड़ी देशों का रुख करते हैं. मगर परेशानी तब होती है जब ये किसी इस्लामिक कानून के उल्लंघन में पकड़े जाते हैं.

अब सवाल है कि आखिर भारतीय नागरिक वहां क्यों ज्यादा पकड़े जाते हैं? इसकी कई वजह हैं. एक तो वहां का सख्त इस्लामिक कानून और दूसरा गैरकानूनी तरीके से वहां काम करना या रहना. आमतौर पर वहां जाने वाले भारतीयों को शरीअत के बारे में जानकारी नहीं होती. और वे जाने-अनजाने में उसके आधार पर बनाए गए कानून का उल्लंघन कर बैठते हैं.

खाड़ी देशों में कानून की मार झेलने वाले इन भारतीयों में ऐसे लोग भी शामिल रहते हैं जो वहां पहले से काम करने वाले अपने रिश्तेदारों या जान-पहचान वालों के कहने पर चले जाते हैं. अनपढ़ या कम पढ़ा-लिखा होना उनके लिए परेशानी का सबब बन जाता है. चूंकि वहां पर साइन बोर्ड अंग्रेजी और अरबी में लिखे होते हैं, जिसे वो समझ नहीं पाते और छोटी-छोटी गलतियों पर भी पकड़े जाते हैं. दूसरी तरफ ऐसे मामले भी कम नहीं हैं जिनमें भारतीय, पर्यटक वीजा पर वहां जाते हैं और गैर कानूनी तरीके से किसी भी जगह काम करने लगते हैं. पकड़े जाते हैं और जेल में डाल दिए जाते हैं.

ऐसे दोनों तरह के मामलों में भारतीय दूतावासों के सामने दो तरह की चुनौती होती है. जो लोग अनजाने में अपराध कर बैठे हैं, उसके लिए तो वहां की सरकारों से गुहार लगाई जाती है, लेकिन जो गैरकानूनी तरीके से वहां काम कर रहे होते हैं उनके मामले पेचीदा हो जाते हैं.

विदेश मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत से बाहर रहने वाले 2 करोड़ 19 लाख प्रवासी भारतीयों में से 27 फीसदी खाड़ी देशों में काम कर रहे हैं. जिनमें एक बड़ी संख्या मजदूर वर्ग की है. दुनिया के 68 देशों की जेलों में बंद भारतीयों की सबसे बड़ी तादाद भी खाड़ी देशों में है. विदेशी जेलों में बंद कुल भारतीयों में से 45 फीसदी खाड़ी देशों में हैं. इस्लामिक कानून के उल्लघंन, चोरी, धोखाधड़ी और गैरकानूनी तरीके से काम करने या गैरकानूनी तरीके से वहां रहने के आरोप में खाड़ी के 8 देशों में भारतीय नागरिक बंद हैं. सऊदी अरब में 1,469 और संयुक्त अरब अमीरात में 822 भारतीय जेलों में हैं. जबकि बहरीन, इराक, कुवैत, ओमान, कतर और यमन की जेलों में 2,906 भारतीय नागरिक सज़ा काट रहे हैं.

जेलों में सजा काट रहे भारतीयों के परिवार उन्हें छुड़ाने के लिए दूतावासों और भारतीय विदेश मंत्रालय के चक्कर काटते रहते हैं, इस उम्मीद के साथ कि उनके अपने एक दिन लौट आएंगे.

Advertisement
Advertisement