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शीशे के घर वाली TMC क्यों फेंक रही बीजेपी पर पत्थर?

केंद्र की एनडीए सरकार के खिलाफ कांग्रेस तो अब आक्रामक हुई है, लेकिन लोकसभा में चौथी बड़ी पार्टी ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने यह मोर्चा पहले से ही खोला हुआ है. सरकार के यू-टर्न का मसला हो या साध्वी निरंजन ज्योति की अभद्र भाषा, टीएमसी सांसद केंद्र के खिलाफ प्रदर्शनों में सबसे आगे नजर आ रहे हैं.

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Mamata Banerjee
Mamata Banerjee

केंद्र की एनडीए सरकार के खिलाफ कांग्रेस तो अब आक्रामक हुई है, लेकिन लोकसभा में चौथी बड़ी पार्टी ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने यह मोर्चा पहले से ही खोला हुआ है. सरकार के यू-टर्न का मसला हो या साध्वी निरंजन ज्योति की अभद्र भाषा, टीएमसी सांसद केंद्र के खिलाफ प्रदर्शनों में सबसे आगे नजर आ रहे हैं. ममता की पार्टी के पास 34 सांसद हैं, लेकिन हाल के दिनों में मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन में वह बाकी पार्टियों से लीड लेती नजर आ रही है.

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कभी एनडीए सरकार का हिस्सा रहीं ममता अब खुलकर एनडीए से लोहा लेती हैं. इसके पीछे सिर्फ पश्चिम बंगाल में बीजेपी की बढ़ती शक्ति है और यह प्रदेश की राजनीति का केंद्र में विस्तार मात्र है? सवाल यह भी है कि जिन मुद्दों को लेकर टीएमसी केंद्र सरकार को घेर रही है, उन मुद्दों पर वह खुद कितनी पाक साफ है? आइए देखें, जिनके खुद के घर शीशे के बने हुए हैं, वे कैसे दूसरों के घरों पर पत्थर उछाल रहे हैं.

1. बांस का मामला
जहां तक भद्दी जुबान का मामला है, उसमें टीएमसी नेता किसी से पीछे नहीं हैं. पार्टी अध्यक्ष ममता बनर्जी खुद बदजुबानी की लिस्ट में अव्वल हैं. हाल ही में चाईबासा की एक रैली में विरोधियों का जिक्र करते हुए उन्होंने अश्लील शब्दावली का इस्तेमाल किया. उन्होंने कहा, 'बंगाल के शासक खुद तो कुछ नहीं कर सके, लेकिन जो बदलाव लाना चाहते हैं, वे उनके '***** में बांस देने' की कोशिश कर रहे हैं. इससे पहले वह बीजेपी के सिद्धार्थ नाथ सिंह को मंच से सरेआम गाली भी दे चुकी हैं.

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2. रेप की धमकी
टीएमसी सांसद तपस पास ही थे जिन्होंने तृणमूल कार्यकर्ताओं की मां-बहनों से बदतमीजी करने वालों की महिला रिश्तेदारों से रेप करवाने की धमकी दी थी.

3. शारदा की कालिख
पश्चिम बंगाल के बदनाम शारदा घोटाले की कालिख टीएमसी के हाथों में भी लग चुकी है. पार्टी नेता कुणाल घोष नवंबर 2013 से जेल में है. सीबीआई पार्टी के श्रीन्जॉय घोष को भी गिरफ्तार कर चुकी है.

4. बर्दवान के छर्रे
2 अक्टूबर को बर्दवान के एक मकान में धमाका हुआ जिसमें दो संदिग्ध आईएम आतंकी मारे गए. बताया जाता है बम बनाते समय यह धमाका हुआ. जिस मकान में धमाका हुआ उसके ग्राउंड फ्लोर पर टीएमसी का दफ्तर था. 2008 और 2013 के पंचायत चुनावों में यहां टीएमसी का चुनावी कार्यालय था. इमारत का मालिक नुरुल हसन चौधरी भी टीएमसी का नेता था.

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