scorecardresearch
 

राजनाथ से मिले मुस्लिम धर्मगुरु, पूछा- 'PAK जिंदाबाद' के नारे लगाने वालों से क्यों बात करते हैं?

गरीब नवाज फाउंडेशन के मौलाना अंसार रजा ने अलगाववादियों से किसी भी तरह की बातचीत की संभावना को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, 'आप उन लोगों से कैसे बात कर सकते हैं जो पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं?

Advertisement
X
मुस्लिम धर्मगुरुओं ने गृह मंत्री को घाटी में अमन यात्रा निकालने का प्रस्ताव दिया
मुस्लिम धर्मगुरुओं ने गृह मंत्री को घाटी में अमन यात्रा निकालने का प्रस्ताव दिया

Advertisement

बरेलवी मदरसे से जुड़े मुस्लिम धर्मगुरुओं ने मंगलवार को कश्मीर मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह मुलाकात की और उनसे आग्रह किया कि वह सूफी विद्वानों के एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व में नेतृत्व इन धर्मगुरुओं ने राजनाथ सिंह से ये भी कहा कि आप हुर्रियत और उन लोगों से क्यों बात करते हैं, जो 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाते हैं.

गृह मंत्री को दिया अमन यात्रा निकालने का प्रस्ताव
मुस्लिम धर्मगुरुओं ने खुद कश्मीर घाटी में एक शांति रैली निकालने का प्रस्ताव दिया. प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले गरीब नवाज फाउंडेशन के मौलाना अंसार रजा ने कहा, 'हम लोगों ने गृह मंत्री से मुलाकात की और उन्हें प्रस्ताव दिया कि उन्हें सूफी विद्वानों और मुस्लिम धर्मगुरुओं के एक प्रतिनिधिमंडल का घाटी में नेतृत्व करना चाहिए. हम लोग पत्थरबाजी करने वाले युवकों के दिमाग में कुछ ज्ञान डालने की कोशिश करेंगे.'

Advertisement

एक हाथ में तिरंगा, दूसरे में कुरान लेकर शांति मार्च निकालने का प्लान
रजा ने कहा कि देश भर के विभिन्न खानकाहों से 60 सूफी एक हाथ में कुरान और दूसरे हाथ में तिरंगा लेकर कश्मीर घाटी में शांति मार्च निकालने की योजना बनाई है. उन्होंने जोर देकर कहा कि कश्मीर में आगे बढ़ने का रास्ता सूफीवाद है. रजा ने कहा, 'सूफीवाद प्यार और माफी का रास्ता है. हम लोग पत्थरबाजी करने वाले युवकों से बात करेंगे और कुरान, हदीस और महान सूफी संतों के हवाले से हिंसा छोड़ने के लिए समझाने का प्रयास करेंगे.'

अलगाववादियों पर बरसे मुस्लिम धर्मगुरु
रजा ने अलगाववादियों से किसी भी तरह की बातचीत की संभावना को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, 'आप उन लोगों से कैसे बात कर सकते हैं जो पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं? हम लोग इसे मामले में बिल्कुल स्पष्ट हैं कि जैसे उन लोगों ने हाल में कुछ लोगों के साथ किया, उस तरह से भगाए जाने के लिए हम लोग उनके दरवाजे नहीं जाएंगे.' सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के जो सदस्य सोमवार को हुर्रियत नेताओं से मिलने चले गए थे. उन्हें 'चायखोर' करार देते हुए रजा ने कहा कि उन्हें प्रतिनिधिमंडल से टूटकर अलग होकर अलगाववादियों से मिलने नहीं जाना चाहिए था.

Advertisement

'कहवा तो दिल्ली में भी मिलता है'
रजा ने कहा, 'हमें उनके पास क्यों जाना चाहिए? कश्मीरी कहवा तो दिल्ली में भी मिलता है.' अलगाववादी नेताओं को दी गई सुविधाओं की समीक्षा सहित कश्मीर पर सरकार के रुख का समर्थन करते हुए रजा ने कहा कि समाधान जरूर निकलेगा. उन्होंने कहा, 'कश्मीर की स्थिति पर भारत सरकार की नीति और प्रतिक्रिया ठीक है और समाधान निश्चित रूप से निकलेगा. कश्मीर हमारा है और हमारा रहेगा.'

Advertisement
Advertisement