संघ प्रचारक और तमिलनाडु में बीजेपी के संगठन मंत्री एस मोहनराजुलू की 10 साल पुरानी कुर्सी खतरे में है. माना जा रहा है कि उन्हें शादी करने की सजा मिल रही है. हालांकि इसके पीछे दावा यह भी किया जा रहा है कि मोहनराजुलू की बढ़ती महत्वकांक्षा के चलते संगठन ने यह कदम उठाया है.
दरअसल, वरिष्ठ राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ नेता केशव विनयगम को पिछले हफ्ते सह संगठन मंत्री बनाया गया. इस नियुक्ति के बाद से मोहनराजुलू के पद से हटाए जाने के कयास तेज हो गए हैं.
प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष तमिलसाईं सौंदर्यराजन और केंद्रीय मंत्री पोन राधाकृष्णन के आपसी मतभेद जगजाहिर है. यही वजह है कि राधाकृष्णन के खासमखास मोहनराजुलू पर कई बार पद का दुरुपयोग कर राधाकृष्ण कैंप को फायदा पहुंचाने के आरोप लगे हैं. कहा जा रहा है कि मोहनराजुलू की प्रदेश पार्टी अध्यक्ष बनने की तमन्ना को भांपते हुए सौंदर्यराजन ही ने विधानसभा चुनाव से पहले विनयगाम का नाम प्रस्तावित किया.
एक संघ नेता ने बताया, 'तमिलनाडु के चारों सचिव ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी के नीचे काम करते हैं. शक्तियों और जिम्मेदारियों के मामले में ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी के पद को प्रदेश पार्टी अध्यक्ष के समकक्ष माना जाता है. एक तरफ जहां सभी सचिव और प्रदेश अध्यक्ष बीजेपी के होते हैं. वहीं दूसरी तरफ, ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी कोई संघ का ही नेता होता है. मोहनराजुलू के बारे में महसूस किया गया है कि उन्होंने खुद को लाभ पहुंचाने के लिए अपने पद का गलत इस्तेमाल किया.
इसके अलावा मोहनराजुलू पर वित्तीय अनियमितता के भी आरोप लगे हैं. इन आरोपों पर उन्होंने कहा, 'मेरे खिलाफ घोटालों के आरोप लगे हैं, लेकिन कोई सबूत नहीं है.' वहीं शादी के बाद संघ से रिश्तों में आई खटास पर उन्होंने कहा, 'शादी करना कोई जुर्म नहीं है. कई नेता और ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी ऐसे हैं जो शादीशुदा हैं.
सूत्रों की मानें तो मोहनराजुलू जल्द प्रदेश पार्टी उपाध्यक्ष या सचिव बनाए जा सकते हैं.