उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में भीड़ के हाथों जान गंवाने वाले डीएसपी की पत्नी परवीन आजाद ने राज्य सरकार द्वारा दी गयी नौकरी को ठुकराते हुए कहा कि उन्हें अपने पति को मिले पद के अलावा कोई और ओहदा मंजूर नहीं है.
परवीन ने सांत्वना प्रकट करने आये हरिशंकर तिवारी के नेतृत्व में लोकतांत्रिक कांग्रेस के नेताओं और मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि वह पुलिस उपाधीक्षक के अलावा और कोई पद स्वीकार नहीं करेंगी.
अपना संघर्ष जारी रखने का संकल्प व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि वह यह लड़ाई अपने लिये नहीं बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिये लड़ रही हैं कि भविष्य में कोई भी व्यक्ति खाकी वर्दी पर हाथ डालने की जुर्रत नहीं कर सके.
परवीन ने पिछले शनिवार को प्रतापगढ़ के कुंडा स्थित बलीपुर गांव में उनके पति स्थानीय पुलिस क्षेत्राधिकारी जिया-उल-हक को अकेला छोड़कर भागे पुलिसकर्मियों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग भी की.
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने अपने वादे के मुताबिक कल रात परवीन को पुलिस विभाग के विशेष कार्याधिकारी (कल्याण) पद पर गोरखपुर में नौकरी दी थी जबकि शहीद पुलिस उपाधीक्षक के भाई सोहराब को सिपाही की नौकरी प्रदान की गयी है.