अमेरिकी राजनयिक संदेशों को सार्वजनिक कर पूरे विश्व में हड़कंप मचा देने वाली वेबसाइट विकीलीक्स पर प्रतिबंध लगाने संबंधी एक याचिका को पाकिस्तान की अदालत ने खारिज कर दिया. इसके साथ जजों ने यह भी कहा कि लोगों को तथ्यों के बारे में जानकारी होनी चाहिए.
लाहौर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अजमत सईद ने वकील आरिफ गोंडाल की तरफ से दायर की गई याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि 21वीं सदी में इस तरह के मुद्दों पर लोगों को अंधेरे में नहीं रखना चाहिए.
अपनी इस याचिका में गोंडाल ने यह आरोप लगाया था कि विकीलीक्स ने मुस्लिम देशों के बीच विरोध उत्पन्न करने और पाकिस्तान में अराजकता फैलाने के मकसद से जानबूझकर इन संदेशों का खुलासा किया था. इसके अलावा उन्होंने इसपर देश और शासकों की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का भी आरोप लगाया था.
न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा, ‘हमारे पास अपनी आलोचना सहने की शक्ति होनी चाहिए. इस वेबसाइट पर प्रतिबंध लगाकर पाकिस्तान को विश्व से अलग नहीं किया जा सकता है.’ इसके अलावा सईद ने यह भी कहा कि वेबसाइट ने 170 देशों के बारे में संदेशों का खुलासा किया है और अगर पाकिस्तान के लोग तथ्यों को जान जाते हैं तो इसको लेकर कुछ भी नहीं होगा.