दिल्ली में मंगलवार का दिन सियासी सरगर्मियों का साबित हो रहा है. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी दिल्ली में सरकार बनाने के मूड में नहीं है और चुनाव चाहती है. पार्टी उपराज्यपाल से सलाह मशविरा करके सरकार बनाने से इनकार कर सकती है और जनवरी में दिल्ली में चुनाव कराने की सिफारिश कर सकती है.
सूत्रों के मुताबिक पार्टी का मानना है कि दिल्ली में सरकार गठन की कवायदों से कुछ हासिल नहीं होने वाला और पार्टी के पास आंकड़े भी नहीं है. ऐसे में बीजेपी उपराज्यपाल से मिलकर दिल्ली विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर सकती है.
इधर, बीजेपी नेता और मोदी सरकार में संसदीय मामलों के मंत्री वेंकैया नायडू ने साफ कर दिया है कि बीजेपी दिल्ली में चुनाव के लिए तैयार है. वही, बीजेपी नेता रमेश विधूड़ी ने दिल्ली में सरकार गठन पर कहा कि पार्टी दिल्ली में अल्पमत की सरकार नहीं बनाएगी.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'अब अगर थोड़ी सी भी शर्म बाकी है बीजेपी में, तो सीधे चुनाव मैदान में आ जाए. अगर आज चुनाव हुए तो आम आदमी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलेगा. ये बीजेपी भी समझती है इसलिए चुनाव से भाग रही है. दिल्ली के लोग महंगाई और बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहे हैं.'
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि कांग्रेस के समर्थन से इंकार के बाद ही आम आदमी पार्टी चुनाव की बात कर रही है.
दिल्ली में सरकार गठन पर केंद्र को SC की फटकार
दिल्ली में राष्ट्रपति शासन पर आम आदमी पार्टी की ओर दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई. कोर्ट ने केंद्र से स्पष्ट सवाल किया कि दिल्ली में सरकार बनाने को लेकर अब तक क्या हो रहा था, राष्ट्रपति से अनुमति लेने में इतनी देर क्यों हुई और सुनवाई के ठीक पहले जवाब क्यों आया?
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल को निर्देश दिया है कि दिल्ली में सरकार गठन के लिए जल्द से जल्द संभावनाएं तलाशें. मामले की अगली सुनवाई गुरुवार को होगी.
गौरतलब है कि उपराज्यपाल ने सरकार बनाने के लिए सबसे बड़ी पार्टी को न्योता देने का प्रस्ताव राष्ट्रपति को भेजा था, जिसे राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है.
सरकार बनाने में SC का अड़ंगा
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र में सरकार जनता का अधिकार है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि क्या बीजेपी दिल्ली में सरकार बनाने की स्थिति में है? और अगर है तो वह कैसे सरकार बनाएगी?
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को इससे पहले भी फटकार लगाई थी जिसमें कोर्ट ने कहा था कि ये कैसा लोकतंत्र है कि चुने हुए प्रतिनिधि घरों में बैठे हैं.
इससे पहले केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को सरकार गठन के लिए सबसे बड़ी पार्टी को आमंत्रित करने के प्रस्ताव को राष्ट्रपति द्वारा दी गई मंजूरी की जानकारी दी.
एक-दो दिन में BJP से बात कर सकते हैं LG
मौजूदा परिस्थितियों में उपराज्यपाल बुधवार या गुरुवार को BJP से बात कर सकते हैं. हालांकि नजीब जंग अभी दिल्ली से बाहर हैं और उनके आज शाम तक दिल्ली लौटने की संभावना है.
सबसे बड़ी पार्टी को आमंत्रित करने के प्रस्ताव को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद राजधानी में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है. बीजेपी अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा कि उन्हें उपराज्यपाल की ओर से कोई संदेश नहीं मिला है. अगर उपराज्यपाल सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर बीजेपी को आमंत्रित करते हैं तो पार्टी इस प्रस्ताव पर विचार करेगी और विकल्प तलाशेगी.
उपाध्याय ने कहा, 'सत्य यह है कि बीजेपी के पास पर्याप्त संख्या नहीं है. लेकिन एक राजनीतिक पार्टी के तौर पर बीजेपी इसके लिए राजनीतिक हल ढूंढेगी, ताकि दिल्ली के लोगों का भला हो सके.'