लगता है कि संप्रग सरकार के लिए मुश्किलों का दौर खत्म नहीं होने वाला है. उसके अपने ही मंत्रियों की वजह से उसे कई बार शर्मिंदगी उठानी पड़ी है और एक बार फिर ऐसा ही होने की उम्मीद है.
सरकार पहले से ही आईपीएल विवाद और फिर फोन टेपिंग को लेकर विपक्ष के निशाने पर है और अब विदेश मंत्री एस एम कृष्णा के एक बयान से बैठे बिठाए विपक्ष के हाथ एक मुद्दा लग गया है.
विदेश मंत्री ने पाकिस्तान द्वारा 26/11 हमले में जिंदा पकड़े गए एक मात्र आतंकवादी अजमल कसाब को सौंपने की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वो पाकिस्तान की मांग पर विचार कर सकते हैं.
कृष्णा ने कहा कि कसाब के मामले की सुनवाई अंतिम दौर में है और सुनवाई के बाद पाकिस्तान की मांग पर विचार किया जा सकता है. विदेश मंत्री के इस चौंकाने वाले बयान से निश्चित रूप से राजनीतिक हलकों में तूफान मचने के असार हैं.