मुंबई के एमएमआरडीए मैदान पर लोगों को संबोधित करते हुए समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा कि सरकार देश की जनता के साथ जो दांव खेल रही है वह देश की जनता को मालूम है. उन्होंने कहा कि लोकपाल के लिए अभी भी हमें लंबी लड़ाई लड़नी है.
अन्ना ने कहा कि तीन दिन से मैंने खाना नहीं खाया फिर भी मुझे कोई परेशानी नहीं हो रही है. डॉक्टर ने बताया कि पहले मेरा बीपी ठीक था लेकिन अब गड़बड़ हो गया है. उन्होंने कहा कि हार्ट अटैक से लोग मरते हैं लेकिन अगर देश के लिए मेरी मौत हो गई हो यह मेरा सौभाग्य होगा. मुझे मौत का डर नहीं है. मुझे 25 साल हो गए भ्रष्टाचार से लड़ते.
अन्ना ने कहा कि मैं 35 साल में अपने घर गया नहीं लेकिन अब पूरा देश मेरा परिवार बन गया. उन्होंने कहा कि जिस दिन मरना है उस दिन समाज और देश के लिए मरना है और जितना जीता है उनता देश के भले के लिए जीता है.
अरविंद और किरण बेदी ने बताया कि बीपी में थोड़ा फर्क हो गया. मैदान में लोगों को देखकर मेरी ऊर्जा बढ़ती है. रामलीला मैदान में मैं 12 दिन तक बैठा. इतने दिन के बाद भी कुछ नहीं हुआ उसका कारण है कि सामने जो जनता थी उसकी ऊर्जा मुझे मिल रही थीं. सरकार हम लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रही है लेकिन यह धोखाधड़ी टीम अन्ना या अन्ना हजारे के साथ नहीं है. यह देश की जनता के साथ है.
अगर सरकार ऐसा ही करती रही तो एक दिन देश की जनता आपको सबक सिखाएगी. सरकार को लगता है कि 5 राज्यों का चुनाव है लेकिन केंद्र में तो हम बने हुए है. हम 5 राज्यों में जाकर प्रचार करेंगे. सरकार को दिखाना है कि जनता कि ताकत क्या होती है. दिल्ली विधानसभा देश के लोगों ने बनाई है. दिल्ली की पारलेमेंट को जन पारलेंमेंट ने बनाया है. जनता का स्थान ऊंचा है.
अगर किसी सरकार को किसानों की जमीन लेनी है तो वह किसी की भी अनुमति लिए बना जमीन छींन लेती है. सरकार को कोई अधिकार नहीं इस तरह से अधिग्रहण करने का. ग्राम सभा सबसे बड़ी है और अगर केंद्र और राज्य सरकार को किसानों की जमीन लेनी है तो पहले ग्राम सभा से अनुमति ले. जो जमीन ग्राम सभा के आधीन है उसके लिए आप दिल्ली में बैठकर निर्णय लेते हैं. आपको किसी भी गांव की जमीन लेनी है तो पहले ग्राम सभा की अनुमति लेनी है. हमें अभी और भी लड़ाईयां लड़नी है.
अन्ना ने कहा, 'आज राजनीति में जो लोग आ रहे हैं वह गुंडे हैं. आज ससंद में 150 गुंडे है. इस देश का क्या होगा यह इस बात से हम जान सकते है. जनलोकपाल के बाद हमें राइट टू रिजेक्ट का कानून बनाना है. वोटर को अगर अपने श्रेत्र में कोई भी उम्मीदवार पसंद नहीं है तो उसमें उसके पास एक उपाय होना चाहिए कि वह उसे नापसंद करता है. भारत के कानून यहीं पर बनते हैं. 26 जनवरी 1950 को जिस दिन इस देश में प्रजा सत्ता दिन मनाया गया उसी दिन से देश की मालिक प्रजा हो गई. सरकारी तिजोरी उनकी है. प्रजा ने एमएलए और एमपी को अपने सेवक चुनकर भेजा. हम मालिक तो हो गए लेकिन इसके बाद सो गए. जनता को पता ही नहीं था कि हम देश के मालिक हैं.
10 साल राइट टू इंफोरमेशन के लिए और इससे फायदा हुआ कि कलमाड़ी और ए. राजा जैसे लोग जेल में गए. देश में राइट टू इंफोरमेंशन की जागृति आ गई है. सरकार को सशक्त लोकपाल और राइट टू रिजेक्ट कानून बनाना पड़ेगा.
विधानसभा और लोकसभा देश के पवित्र मंदिर है लेकिन इसमें गुंडे जा रहे हैं. हमे काम करना है कि इस तरह के लोग चुनाव ना लड़ सकें. चरित्र वाले लोगों को ससंद में भेजना है. आज जनलोकपाल की लड़ाई को 10 महीने हो गए हैं. पहले लोगों को इसकी जानकारी नहीं थी. लेकिन मीडिया ने इसकों लोगों तक पहुंचाया. हमें आजादी की दूसरी लड़ाई समझकर इसे लड़ना है. आज भ्रष्टाचार के कारण सामान्य लोगों का जीना मुश्किल हो रहा है. वह हर काम कराने के लिए पैसे देते हैं. आज पारिवारिक लोगों को अपना परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है.
इस बार हम आर या पार करेंगे, हटेंगे नहीं. चाहे इसके लिए हमें जेल में भी जाना पड़ा हम पीछे नहीं हटेंगे. सरकार का दिमाग तभी चलता है जब उसपर प्रहार होता है. मेरी देश के लोगों से विनती है कि 30 दिसंबर से 1 जनवरी तक हम जेल भरेंगे. आज हमें जो सफलता मिली है उसका कारण है कि देश का युवक जग गया है. जनलोकपाल क्या है यह गांव-गांव तक चला गया.
युवा शक्ति राष्ट्र शक्ति है और अगर वह जग गया तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है. वैयतनाम बनाया वह युवकों ने बयाना. आजाद और भक्त सिंह जैसे लोगों ने देश को बनाया है उनकी शहादत को हमें नहीं भुलना चाहिए. उन्होंने किसके लिए अपनी जान दी हमारे लिए. मैंने उनकों अपने जीवन से जोड़कर रखा है इसलिए मुझे मौत का डर नहीं है. युवकों को भी यह बात समझनी चाहिए.
सरकार आज लोकपाल कानून नहीं बनाएगी. अभी जो चुनाव आने वाले हैं उसके बाद राष्ट्र चुनावों में पूरे देश में घूमेंगे और जनता को बचाएंगे. खजानों को चोरों से नहीं पेहरेदारों से धोखा है. इस देश को दुश्मन से नहीं इन गद्दारों से धोखा है.