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क्या अमेरिका की तरह मसूद अजहर को मार गिराएगा भारत?

वित्त मंत्री अरुण जेटली के बयान के बाद से ये अटकलें तेज हो गई है कि मोदी सरकार भी मसूद अजहर को पाकिस्तान में घुसकर मार सकती है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक के बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. बुधवार सुबह पाकिस्तान ने ये फिर सिद्ध कर दिया कि अगर भारत अपनी आत्मरक्षा के लिए आतंकवादियों का सफाया करेगा तो पाकिस्तान उन आतंकवादियों को बचाने के लिए भारतीय फौजी और मासूम नागरिकों को निशाना बनाएगा. पाकिस्तान की कायराना हरकत के बाद से केंद्र सरकार सक्रिय हो चुकी है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि अगर अमेरिका ओसामा को मार सकता है तो भारत भी मसूद अजहर को पाकिस्तान में ही मार गिराने की क्षमता रखता है. इतने बड़े बयान के बाद ये जानना जरूरी हो जाता है कि अमेरिका ने 2011 में किस तरीके से ओसामा के आतंक का सफाया किया था और क्या भारत भी कुछ ऐसी कार्रवाई मसूद के खिलाफ कर पाएगा?

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तो चलिए आज जानते है इतिहास के सबसे बड़े ऑपरेशन की कहानी और समझते हैं भारत की ताकत-

अमेरिका पर 11 सितंबर 2001 को हुआ था आत्मघाती आतंकी हमला. इतिहास में ये सबसे बड़े आतंकी हमलों में से एक है. इस हमले में 2996 लोगों की मौत हुई थी और बड़ी संख्या में लोग जख्मी हो गए थे. इस हमले की जिम्मेदारी अलकायदा के आका ओसामा बिन लादेन ने ली थी. इतने बड़े आतंकी हमले के बाद अमेरिका पूरी तरह हिल गया और बदले की भावना उसके अंदर धधकने लगी. तब शुरू हुआ अमेरिका की खुफिया एजेंसियों का सबसे बड़ा ऑपरेशन.

2001 में हमले के बाद से ही ओसामा बिन लादेन फरार हो गया. पहले वो अफगानिस्तान गया, फिर वहां से तोरा बोरा की पहाड़ियों में अपना ठिकाना बना लिया. 9 साल तक ओसामा इसी तरीके से अमेरिकी एजेंसियों की आंख में धूल झोंकता रहा. वो पाकिस्तान के किसी गांव में छिपकर अपनी आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देता रहा. लेकिन साल 2010 में अमेरिकी एजेंसी के हाथ लगा ओसामा का सबसे भरोसेमंद संदेशवाहक, जिसके माध्यम से उन्होंने अपने इस मिशन को सफतापूर्वक पूरा किया. बता दें, काफी लंबे समय तक कुछ पाकिस्तानी लोग अमेरिका की सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी के लिए काम कर रहे थे. उन्हीं लोगों ने जुलाई 2010 में ओसामा के उस संदेशवाहक को पेशावर में वाइट सुजूकी गाड़ी में देखा था. ये जानकारी मिलते ही अमेरिकी एजेंसी एक्शन में आ गई और उन्होंने काफी लंबे समय तक उस व्यक्ति की गतिविधियों पर नजर रखी. उस संदेशवाहक का पीछा करते-करते एजेंसियां आ पहुंची एबटाबाद जहां ओसामा बिन लादेन के छिप कर रहने की पुष्टि हुई थी.

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अब यहां से शुरू हुआ ऑपरेशऩ नेपट्यून स्पीर और अमेरिका के नेवी सील के कमांडो निकल पड़े ओसामा के खात्मे के लिए.

कैसे हुआ था ये ऑपरेशन

1. अमेरिका के 79 हेलिकॉप्टर अफगानिस्तान के जलालाबाद इलाके से निकल पड़े.

2. रात के एक बजे पहुंचे नेवी सील के कमांडो एब्टाबाद. वहां उनका एक हेलिकॉप्टर उम्मीद से जल्दी नीचे उतर गया और उसका पिछला भाग एक दीवार से टकरा गया. लेकिन इस घटना में कोई जख्मी नहीं हुआ और ऑपरेशन रणनीति के मुताबिक आगे बढ़ा.

3. तभी उन कमांडो पर गेस्टहाउस के पीछे के दरवाजे से गोलीबारी शुरू हो गई. पता चला ये गोलियां ओसामा का संदेशवाहक अबू अहमद कुवेती दाग रहा था. कमांडो ने तुरंत ही उसे मार गिराया. इस घटना में अबू की पत्नी भी मारी गई.

4. इसके बाद वे कमांडो गेस्टहाउस का मुख्य द्वार उड़ा देते हैं और पहली मंजिल की तरफ कूच करते हैं. वहां पहुंचते ही वे संदेशवाहक के भाई को भी मार गिरा देते हैं.

5. ऑपरेशन आगे बढ़ता है और ओसामा का बेटा खालिद भी मारा जाता है. उसका बेटा जैसे ही नेवी सील की तरफ हमला करने की कोशिश करता है, कमांडो उसको मौत के घाट उतार देते हैं.

6. अब ऑपरेशन अपने अंतिम चरण पर पहुंचता है और ओसामा को मारने के लिए कूच करता है. सील नेवी के कमांडो जैसे ही तीसरी मंजिल पर पहुंचते हैं, उन्हें ओसामा अपने हाथ में एके-47 लेकर खड़ा दिखता है. उसी समय सील नेवी उस दहशतगर्द को तुरंत मार गिराती है. बता दें, ओसामा की बाएं आंख और छाती पर गोलियों से वार किया गया और उसने तुरंत ही दम तोड़ दिया.

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7. इसके बाद ओसामा की तस्वीर भी खींची गई और अमेरिकी अधिकारियों को भेज दी गई. 12 घंटे के भीतर ही ओसामा बिन लादेन की बॉडी को ठिकाने लगा दिया गया. बता दें उसकी बॉडी को उत्तरी अरेबियन समुद्र में फेक दिया गया.

तो इस तरीके से अमेरिका ने अपना 9/11 का बदला पूरा किया और अलकायदा का हुक्मरान ओसामा बिन लादेन मारा गया. अब वित्त मंत्री अरुण जेटली के बयान के बाद ये उम्मीद तो जग गई है कि भारत भी कुछ इसी तरीके की कार्रवाई कर सकता है. वैसे भारत की खुफिया एजेंसी बहुत सक्रिय है और इस तरीके का काम करने की क्षमता भी रखती है. बता दें, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( ISRO) भी पाकिस्तान के 87 फीसदी क्षेत्रफल पर अपनी पैनी नजर बनाकर रखती है और हमारी एजेंसियों को HD क्वालिटी की तस्वीरें भेजती रहती है. यही नहीं हमारी वायुसेना ने तो अपना पराक्रम दिखा ही दिया है. उन्होंने सिद्ध कर दिया कि वे कम समय में सटीक निशाना लगा सकते हैं. बता दें, जो मिराज 2000 भारतीय वायुसेना ने एयर स्ट्राइक में प्रयोग किए थे, वे अत्यंत ही शक्तिशाली विमान है. मिराज एक बार में 13,800 किलो बारूद के साथ 2000 प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है. वैसे 2015 में ये विमान अपग्रेड भी हो चुके हैं. इसके अलावा भारतीय वायुसेना के पास मिग 21, मिग 27 और जगुआर जैसे धासू एयरक्राफ्ट हैं. भारत लगातार अपने रडार सिस्टम को भी मजबूत कर रहा है. वायुसेना के अलावा भारतीय आर्मी और नौसेना बहुत सशक्त है और किसी भी प्रकार का हमला करने के लिए हमेशा तैयार है. इस समय पाकिस्तान की बौखलाहट का यही मतलब है कि वो जानता है कि उसकी सैन्य शक्ति भारत के सामने नही टिक सकती है.

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तो मतलब साफ है, भारत के पास तकनीक भी है और सैन्य बल भी. अब अगर सरकार की तरफ से मजबूत इच्छाशक्ति दिखाई जाए तो भारत भी जैश के हुक्मरान मसूद अजहर का सफाया कर सकती है.

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