ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात कन्नड़ लेखक डा. यू आर अनंतमूर्ति ने कहा है कि नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर वह देश में नहीं रहेंगे. उनके इस बयान पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया की है और कहा है कि वह देश छोड़ने के लिए स्वतंत्र हैं.
मोदी विरोधी टिप्पणी के कारण विवाद छिड़ जाने के बीच अनंतमूर्ति अपने बयान पर अड़े रहे और कहा कि यदि गुजरात के मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री बने तो लोगों में भय का संचार होगा.
उन्होंने हाल में हुए एक समारोह में कहा था, ‘मैं ऐसे देश में नहीं रहना चाहता जहां मोदी प्रधानमंत्री हों.’ भाजपा और उनके समर्थकों की ओर से उन पर किये जा रहे कटु प्रहारों की पृष्ठभूमि में अनंतमूर्ति ने कहा, ‘वह भय का संचार करेंगे और यदि वहां कोई भयावह व्यक्ति बैठा हो तो लोग उसके सामने झुक जायेंगे क्योंकि धौंस से लोग भयभीत हो जाते हैं.’
अनंतमूर्ति ने संवाददाताओं से कहा कि देश में ऐसा नागरिक समाज होना चाहिए जो भयभीत नहीं हो और ऐसा शासन होना चाहिए जिसमें लोग नेता का गुलामों की तरह अनुसरण नहीं करते हों. अनंतमूर्ति की टिप्पणी से सुलगी भाजपा एवं पार्टी के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी के समर्थकों ने उन्हें ‘परजीवी के समान’ करार दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि लेखक राजनीतिक माहौल के अनुसार अपना स्वर बदलते रहते हैं और पूर्व में वह कभी कांग्रेस का समर्थन करते थे एवं कभी जदएस का ताकि तत्कालीन सरकार से लाभ उठाया जा सके.
भाजपा सांसद अनंतकुमार हेगड़े एवं पार्टी के कई स्थानीय नेताओं ने कहा कि वह देश को छोड़ने के लिए स्वतंत्र हैं. बी रामचन्द्रप्पा एवं के मारूलासिद्दपा जैसे कई लेखक अनंतमूर्ति के समर्थन में सामने आये जबकि प्रख्यात विद्वान डा. चिदानंद मूर्ति सहित कुछ ने उनकी आलोचना की है.
अनंतमूर्ति ने कहा कि जब पंडित नेहरू एवं नरसिंह राव ने पद संभाला तो प्रधानमंत्री पद की गरिमा बढ़ी लेकिन यदि मोदी प्रधानमंत्री बन गये तो यह गरिमा जाया हो जायेगी. अनंतमूर्ति ने कहा, ‘हमारे यहां नेहरू जैसे लोग थे जिन्होंने जेल में भी एक पुस्तक डिस्कवरी ऑफ इंडिया लिखी, जो आज भी एक महान पुस्तक है. राव भी एक महान विद्वान थे. प्रधानमंत्री पद की कुछ गरिमा होती है लेकिन यह चली जायेगी (मोदी के प्रधानमंत्री बनने से)’.
भाजपा के नेताओं द्वारा उन पर किये गये प्रहारों के बारे में अनंतमूर्ति ने कहा कि उन्होंने पूर्व में इंदिरा गांधी एवं नेहरू की आलोचना की थी लेकिन उन्हें इतना अपमानित नहीं किया गया जितना भगवा पार्टी ने किया है. ‘यदि मैंने कुछ कहा तो कुछ लोगों के गिरोह ने मुझे इतना अधिक अपमानित किया. कल्पना कीजिये कि यदि वे सत्ता में आ गये तो क्या होगा.’
अनंतमूर्ति ने कहा कि भाजपा ने उनकी आलोचना की है क्योंकि उन्होंने आरएसएस के हिन्दू दर्शन का समर्थन नहीं किया. ‘वह एक फासीवादी दल है और वह हिन्दुत्व को नहीं समझता. वह एक महान दर्शन है.’ उन्होंने यूपीए सरकार के बारे में कहा कि यह जन विरोधी नहीं है लेकिन भ्रष्ट है और इसे दंड मिलना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘लेकिन मोदी जैसे व्यक्ति को चुनना इसका कोई समाधान नहीं है.’