व्यापम घोटाले की सीबीआई जांच की मांग पर शिवराज सरकार ने आखिरकार सरेंडर कर दिया है. तफ्तीश के लिए जबलपुर हाई कोर्ट में मध्य प्रदेश की सरकार ने अपील की है, वहीं घोटाले की जांच कर रही एसआईटी के चीफ डॉ. चंद्रेश भूषण का कहना है कि एसटीएफ को अभी तक मामले से जुड़े किसी भी मौत और घोटाले के बीच कोई लिंक नहीं मिला है.
एक टीवी इंटरव्यू में जस्टिस (रिटायर्ड) चंद्रेश भूषण ने कहा, 'इन मौतों के लिए 'संदिग्ध' शब्द का इस्तेमाल करना ठीक नहीं है.' हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वह इन मौतों को रहस्यमई नहीं कहेंगे, लेकिन ये मौतें असामान्य थीं. व्यापाम से जुड़े लोगों की मौत की जांच का जिम्मा फिलहाल स्थानीय पुलिस के पास है, लेकिन एसआईटी इस दिशा में भी जांच कर रही है कि इन मौतों और व्यापम के बीच कोई संबंध है या नहीं.
'कोई राजनीतिक दबाव नहीं'
एसआईटी चीफ ने कहा, 'हाई कोर्ट के आदेश पर मामले की जांच की जा रही है और जांच के बारे में सिर्फ हाई कोर्ट को ही बताया जाता हैं.' उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि मामले की जांच में कोई राजनीतिक दबाव नहीं है. भूषण विशेष जांच दल (एसआईटी) की तीन सदस्यीय कमिटी का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसका गठन 2013 में व्यापम घोटाले की जांच की निगरानी के लिए किया गया था.