येस वी कैन. शायद आपको ये नारा याद होगा. पांच साल पहले बराक ओबामा के इस नारे ने अमेरिका पर जादू कर दिया था. आज इसी नारे के साथ नरेंद्र मोदी ने मिशन 2014 की शुरुआत की. मोदी ने कहा, 'येस वी कैन, यस वी वील डू'. अब सवाल ये कि क्या ओबामा की तरह मोदी भी इतिहास रच पाएंगे.
नरेंद्र मोदी ने पहले कहा कि कांग्रेस मुक्त भारत के निर्माण में सहयोग दें और इसके बाद लोगों में जोश भरते हुए कहा, 'मैं आपसे अपील करता हूं कि जो मैं बोलूंगा, आप भी वही बोलें.' इसके बाद मोदी बोले, 'येस वी कैन डू, येस वी विल डू, येस वी कैन डू, येस वी विल डू.' अर्थात हम कर सकते हैं, हम करके दिखाएंगे. इसी के साथ मोदी ने अपना भाषण खत्म किया.
जिस नारे की नैया पर बराक ओबामा अमेरिकी राष्ट्रपति की कुर्सी तक पहुंचे, 5 साल बाद उसी नारे को जिंदा करके नरेंद्र मोदी शायद प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचना चाहते हैं. मोदी एक्सप्रेस जब हैदराबाद से दिल्ली की ओर चली तो मोदी ने ओबामा के नारे को बुंलद किया, पूरे जोश के साथ- कहा यस वी कैन.
ओबामा के नारे ने 2008 में अमेरिका में जादू कर डाला था. युवाओं के सिर चढ़कर बोल रहा था जीत का यह मंत्र. देखते ही देखते पूरा अमेरिका ओबामा के सुर में सुर मिला रहा था और बोल रहा था यस वी कैन. येस वी कैन ने ओबामा को राष्ट्रपति की कुर्सी तक पहुंचा दिया था, अब देखना यह होगा कि क्या मोदी भी अपने लक्ष्य को इस नारे की बदौलत भेद पाते हैं या नहीं.